14 दिवसीय ग्रीष्मकालीन मधुबनी पेंटिंग और टेराकोटा कार्यशाला का समापन संवाददाता, पटना कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से मिथिला चित्रकला संस्थान और बिहार ललित कला अकादमी के संयुक्त सहयोग से 8 से 16 साल तक के बच्चों के लिए 14 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का समापन ललित कला अकादमी के बहुउद्देशीय परिसर में शुक्रवार को हो गया. इस दौरान मधुबनी पेंटिंग और टेराकोटा की कार्यशाला के दौरान बच्चों के द्वारा बनाये गये चित्रों और टेराकोटा की मूर्तियों की प्रदर्शनी कला दीर्घा में लगायी गयी. इसका उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर, म्यूजियम के निदेशक राहुल कुमार, संस्कृति निदेशालय की निदेशक रूबी, मिथिला चित्रकला संस्थान के निदेशक वीरेंद्र प्रसाद ने किया. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर ने कहा कि कार्यशाला में बच्चों ने जो अपनी रचनात्मकता दिखायी है, वह अद्भुत है. यह कार्यक्रम लगातार पूरे वर्ष भर हो सके, इसके लिए भी हम लोग प्रयासरत हैं. हम यह भी कोशिश करेंगे कि मिथिला चित्रकला संस्थान का एक रीजनल सेंटर यहां पर खोल सकें, ताकि मिथिला चित्रकला संस्थान जो, जो विधाएं सिखाता है, उसका डिप्लोमा कोर्स कर सकें. इसके माध्यम से रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे. रूबी ने कहा कि बच्चों ने जिस तरह से इस कार्यशाला में उत्साह के साथ भाग लिया है वह बहुत अच्छा लगा. दोनों कार्यशालाओं में 84 बच्चों ने हिस्सा लिया, जिन्हें आज प्रमाणपत्र दिया जायेगा. मौके पर मधुबनी पेंटिंग के प्रशिक्षक अशोक पासवान ने कहा कि सभी बच्चों से कहा गया है कि उन्हें जो सिखाया गया है, वे अपने घर पर भी रोज़ कम से कम आधा घंटा अभ्यास करें. मंच संचालन सुदीपा घोष और धन्यवाद ज्ञापन बिहार ललित कला अकादमी की सचिव अमृता प्रीतम ने किया.
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