पटना के गायघाट रिमांड होम मामले में एक बड़ा मोड़ आया है. पीड़िता ने अब हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और राज्य सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. पीड़िता ने अपने लिए सरकारी नौकरी की मांग भी की है. वहीं अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित है. दूसरी तरह समाज कल्याण मंत्री ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया है और कहा है कि केवल आरोप लगा देने से कुछ भी प्रमाणित नहीं हो जाता है.
पटना के गायघाट स्थित रिमांड होम में लड़कियों के शोषण मामले में एक बड़ा अपडेट आया है. समाज कल्याण विभाग ने इस मामले में गंभीरता जब नहीं दिखाई तो हाईकोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया था और सरकार को फटकार लगायी थी. इस मामले में पीड़िता का वीडियो काफी वायरल हो चुका है. पीड़िता ने रिमांड होम की सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाये थे.
पटना रिमांड होम मामले का खुलासा जिस युवती के वायरल वीडियो से हुआ अब वो खुलकर इस लड़ाई में सामने आ चुकी है. पीडिता ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की और सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजे के साथ ही सरकारी नौकरी की मांग की. पीड़िता का पक्ष अदालत में रखने वाली वकील मीनू कुमारी ने कहा कि पीड़िता ने सुरक्षा की मांग भी की है. नौकरी और रुपये के साथ सुरक्षा की मांग इसलिए है ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे. पीड़िता को दर-दर भटकने छोड़ दिया गया है.
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गौरतलब है कि इस पूरे प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद जहां एकतरफ रिमांड होम प्रशासन पर लड़कियों के यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा है वहीं सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इस मामले को लेकर कहा है कि केवल आरोप लगा देने से कोई दोषी नहीं हो जाता है. इस मामले की जांच की जाएगी और रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेजा जाएगा. उन्होंने इस मामले को मुजफ्फरपुर रिमांड होम मामले से जोड़ना गलत बताया.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan