सीएजी की रिपोर्ट : कई विभागों ने नहीं दिये 87947 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाणपत्र
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में राज्य सरकार द्वारा महालेखाकार को 87947 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने का खुलासा किया गया है.
संवाददाता,पटना
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में राज्य सरकार द्वारा महालेखाकार को 87947 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने का खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने राशिद तो खर्च कर ली, लेकिन उपयोगिता प्रमाण पत्र महालेखाकार को नहीं दी है.विधानसभा में गुरुवार को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सीएजी रिपोर्ट को सदन पटल पर रखा. रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 के लिए सरकार की कुल प्राप्ति 1.98 लाख करोड़ है, जिसमें राज्य सरकार ने अपने स्रोत से 38838 करोड़ जो 24 .46 फीसदी है. इसमें केंद्र सरकार से प्राप्ति का हिस्सा 1.19 लाख करोड़ जो कि 75.54 फीसदी है.31 मार्च, 2022 तक विभिन्न क्षेत्रों में राजस्व बकाया 4022 करोड़ है., जिसमें 1300 करोड़ पांच वर्षों से अधिक समय से लंबित है. सीएजी ने 1059 मामलों की जांच में कुल 25001.46 करोड़ राजस्व हानि का पता लगाया.
रिपोर्ट में सीएजी ने कहा है कि राज्य सरकार अपना बजट भी खर्च नहीं कर पाती,लेकिन सरकार हर वर्ष बजट आकार को बढ़ाती जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट की बड़ी राशि को सरकार खर्च नहीं कर पायी , लिहाजा राशि को सरेंडर करना पड़ा. लगभग 78 फीसदी राशि ही खर्च हो पायी थी.सीएजी की रिपोर्ट मेंं उल्लेख किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य का कुल बजट 301686 करोड़ था, लेकिन केवल 235176 करोड़ यानी कुल बजट का 77.95 फीसदी राशि ही खर्च कर पायी.
बिहार विधानसभा में गुरुवार को सीएजी का स्थानीय सरकार पर 31 मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष का लेखा परीक्षा रिपोर्ट वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने पेश की. इस रिपोर्ट में सीएजी ने नवादा जिला के अकबरपुर पंचायत समिति के ग्राम पंचायत बुधुआ द्वारा 12.50 लाख फर्जी तरीके निकासी का खुलासा किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कनीय अभियंता द्वारा मापी पुस्तिका में दर्ज 13.05 लाख के विरुद्ध एजेंट को 12.50 लाख भुगतान किया गया.
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