बाढ़ जैसी स्थिति नहीं होने के बाद भी गया-औरंगाबाद से भेजी रिपोर्ट
गया और औरंगाबाद में बाढ़ से फसल क्षति होने की जांच होगी. दोनों जिलों के डीएम को इस मामले में आपदा प्रबंधन विभाग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने का आदेश मुख्य सचिव ने दिया है.
दोनों जिलों के डीएम को आपदा प्रबंधन विभाग ने किया जवाब तलब
मनोज कुमार, पटना
गया और औरंगाबाद में बाढ़ से फसल क्षति होने की जांच होगी. दोनों जिलों के डीएम को इस मामले में आपदा प्रबंधन विभाग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने का आदेश मुख्य सचिव ने दिया है. दरअसल, सितंबर माह में आयी बाढ़ से पहले फेज में 16 जिलों में फसलों के नुकसान की रिपोर्ट की गयी है. इनमें गया और औरंगाबाद भी शामिल हैं, जबकि दूसरे फेज में आयी बाढ़ में इन दोनों जिलों से फसल क्षति की रिपोर्ट नहीं भेजी गयी. औरंगाबाद और गया में भी बाढ़ जैसी स्थिति की नौबत नहीं आने के बावजूद पहले फेज में बाढ़ से फसल क्षति की रिपोर्ट भेजी गयी. इस पर आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस पर सवाल खड़ा किया है.आपदा प्रबंधन विभाग के एसीएस के सवाल उठाये जाने के बाद मुख्य सचिव ने औरंगाबाद और गया के जिला पदाधिकारी को इस मामले में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.
16 जिलों में बाढ़ से फसल क्षति का किया गया है आकलन
राज्य में पहले और दूसरे फेज में भी 16 जिलों में ही बाढ़ से फसल क्षति का आकलन किया गया है. पहले फेज में भागलपुर, बेगूसराय, लखीसराय, भोजपुर, मुंगेर, समस्तीपुर, पटना, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, सारण वैशाली, पूर्णिया, खगड़िया, नालंदा, शेखपुरा, औरंगाबाद और गया में बाढ़ से फसल क्षति की रिपोर्ट भेजी गयी है.
पहले फेज में 229 और दूसरे फेज में 261 करोड़ की फसल क्षति
पहले फेज में गया और औरंगाबाद जिले में बाढ़ से फसल क्षति को मिलाकर कुल 229 करोड़ रुपये की फसलों की क्षति की रिपोर्ट की गयी है, जबकि दूसरे फेज में 262 करोड़ रुपये के फसल क्षति की रिपोर्ट भेजी गयी है. दूसरे फेज में गया और औरंगाबाद जिले शामिल नहीं हैं.
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