Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगी मुजफ्फरपुर की ये चार दीदियां, पढ़िए इनकी संघर्ष की कहानियां

दिल्ली के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगी मुजफ्फरपुर की चार दीदियां. ये दीदियां अपने परिवार का खर्च चला रही हैं और बेटे-बेटियों को पढ़ा भी रही हैं. एक दीदी ने तो बचत के पैसे से अपने पति का कारोबार भी शुरू कराया है.

By RajeshKumar Ojha | January 26, 2025 5:10 AM

Republic Day 2025 दिल्ली में आयोजित हो रहे गणतंत्र दिवस समारोह में बिहार से 12 जीविका दीदियों का चयन किया गया है, जिसमें मुजफ्फरपुर से चार दीदियां शामिल हो रही हैं. सभी मीनापुर प्रखंड की है और चारों दीदी लखपति हैं. जीविका से जुड़ने से पहले चारों दीदियां खेतों में मजदूरी करती थीं. इनके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी, लेकिन इन दीदियों ने जीविका के सहयोग से खेती, पशुपालन, मधुमक्खी पालन सहित अन्य कार्यों को शुरू किया. अपनी मेहनत से ये लगातार प्रगति करती रहीं. आज ये दीदियां अपने परिवार का खर्च चला रही हैं और बेटे-बेटियों को पढ़ा भी रही हैं. एक दीदी ने तो बचत के पैसे से अपने पति का कारोबार भी शुरू कराया है. दीदियों की मेहनत और इनके कार्यों के विस्तार के कारण इन्हें दिल्ली के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का अवसर दिया गया है.


खेतों में मजदूरी करती थी, अब कर रही पशुपालन


मठिया ग्राम के बहादुरपुर पंचायत की रूमा देवी के पति खेती और मजदूरी करते थे. इनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. इनके दो बच्चे हैं. इनके पति पैसा नहीं कमा पा रहे थे तो परिवार के पट्टीदारों ने इन्हें अलग कर दिया. रूमा देवी खेत में मजदूरी करने लगी. इनके पति बीमार रहने लग़े. नवंबर, 2017 में रूमा देवी जीविका से जुड़ी. इन्हें खेती का प्रशिक्षण दिया गया. रूमा फिलहाल 10 कट्ठा में मकई की खेती और बकरी पालन कर रही हैं. अब यह दोनों बच्चोंं को पढ़ा रही हैं. रूमा कहती हैं कि जीविका से जुड़ने के बाद उनकी स्थिति बदल गयी है. बकरी पालन के साथ उन्होंने मुर्गी पालन भी शुरू किया है. अब वह आत्मनिर्भर हो गयी हैं और अपने कार्य का विस्तार भी कर रही हैं.

मजदूरी करने वाली सुनीता कर रहीं खेती

टेंगरारी पंचायत की टेंगरारी ग्राम निवासी सुनीता देवी के पति मजदूरी करते थे. इनकी चार बेटे-बेटियां हैं. इनके पति को शराब पीने की आदत थी. मजदूरी के पैसा शराब पीने में खर्च हेा जाता था. इनकी शराब के लत के कारण इनके भाइयों ने भी इन्हें अलग कर दिया. सुनीता दूसरे के खेत मजदूरी करने लगी. उन्हें 100 रुपया रोज मिलता था. जिससे वह घर का खर्च चलाती थी. यह जनवरी, 2019 में जीविका से जुड़ी. इनका चुनाव एग्री एंटरप्रेन्योर के लिए हुआ. हैदराबाद में इन्हें 45 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया. जीविका के सहयोग से वह 10 कट्ठा खेत बटाई पर लेकर खेती करने लग़ी. अब वह बकरी पालन शुरू कर रही हैं. सुनीता कहती हैं कि जीविका का सहारा नही होता तो जीवन-यापन पर संकट था

मधुमक्खी पालन से बेहतर हुई आर्थिक स्थिति

कोइली पंचायत की गोसाइपुर टेंगराहा गांव की सुनीता कुमारी के पति भी मजदूरी करते थे. इनके परिवार में छह सदस्य हैं. इनके पति मजदूरी के लिए राजस्थान चले गए. लेकिन वहां से मजदूरी ठीक तरह से नहीं मिल रही थी. सुनीता कुमारी आर्थिक तंगी में रहने लगी. इनके पट्टीदारों ने भी इन्हें घर से अलग कर दिया. यह खेत में मजदूरी करने लगी, जिससे उन्हें रोज 120 रुपए मिलता था. जनवरी, 2019 में सुनीता जीविका से जुड़ी. जीविका के सहयोग से वह खेती करने लगी. अब वह मधुमक्खी पालन भी कर रही हैं. अब इनका जीवन बेहतर तरीके से चल रहा है. यह अपने बच्चों को पढ़ा भी रही हैं. सुनीता कहती हैं कि जीविका से जुड़ने के बाद से उनका जीवन बदल गया. अब आर्थिक समस्या नहीं है.


20 कट्ठा में सब्जी की खेती कर रहीं किरण

टेंगरारी पंचायत की टेंगरारी गांव निवासी किरण कुमारी के पति खेती करते थे, लेकिन बाढ़ग्रस्त क्षेत्र होने के कारण कई बार फसलों का नुकसान हो जाता था. जिससे उन पर काफी कर्ज हो गया. उनकी आर्थिक स्थिति खराब रहने लगी. वह करीब 15 वर्ष पहले जीविका से जुड़ी. उन्हें इससे जुड़ कर होने वाले लाभ के बारे में बताया गया. 2009 में उन्हें समूह से जोड़ा गया. इसके आठ साल बाद टेंगरारी पंचायत के लिए उनका वीआरपी के पद पर हुआ. 2022 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उन्हें सहायता मिली. उनका चुनाव एंटरप्रेन्योर के रूप में किया गया. फिलहाल यह 20 कट्ठा में सब्जी की खेती कर रही हैं. इन्होंने पति को भी फूलों का व्यवसाय शुरू कराया. किरण ने कहा कि जीविका का बहुत बड़ा योगदान है.

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