अलॉटी एसोसिएशन की जानकारी बिना अधूरी मानी जायेगी प्रोजेक्ट की त्रैमासिक रिपोर्ट
– रेरा ने बिल्डरों को दिया निर्देश, किसी भी प्रोजेक्ट में आधे से अधिक बुकिंग पूरा होने के तीन माह के अंदर अलॉटी एसोसिएशन का गठन अनिवार्य
बिहार रेरा के सचिव ने सार्वजनिक नोटिस जारी कहा है कि रेरा अधिनियम 2016 के खंड 11 (4) (e) के तहत किसी रियल इस्टेट प्रोजेक्ट में अलॉटी एसोसिएशन का गठन अनिवार्य है. अधिनियम का अनुपालन कराने को लेकर नयी गाइडलाइन तैयार की गयी है. इसके तहत बिल्डरों को 1000 रुपये के नन ज्यूडिशियल स्टांप पर निर्धारित फॉर्मेट में हर तीन माह पर अलॉटी एसोसिएशन के गठन संबंधित जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य आवंटियों के सामूहिक हित का प्रतिनिधित्व करना, आवंटन से संबंधित लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और प्रोजेक्ट के अंदर बुनियादी ढांचे के विकास आदि के लिए संबंधित प्राधिकारियों के साथ संपर्क करना है.
अलॉटी एसोएिशन की गठित होगी दो कमेटियां, जनरल बॉडी करेगी पदाधिकारियों का चुनावगाइडलाइन के मुताबिक हर अलॉटी एसोसिएशन की दो कमेटियां होंगी. पहली कमेटी जनरल बॉडी की होगी, जिसमें प्रोजेक्ट में बुकिंग कराने वाले सभी आवंटी सदस्य होंगे. दूसरी कार्यकारी समिति होगी, जिसमें एसोसिएशन के तमाम सदस्य आम सभा के जरिए अपने बीच में से एक अध्यक्ष, एक सचिव और एक कोषाध्यक्ष चुनेंगे. यदि किसी रियल इस्टेट प्रोजेक्ट में आवंटियों की कुल संख्या 50 से अधिक है, तो उसमें एक संयुक्त सचिव का पद अलग से सृजित किया जायेगा. यह पदाधिकारी मिल कर कार्यकारी समिति का गठन करेंगे और आवंटियों के मुद्दों को उनकी ओर से उठाने के हकदार होंगे. निर्वाचित पदाधिकारी तीन साल की अवधि के लिए पद पर बने रहेंगे. बिल्डर को परियोजना में आधे से अधिक बुकिंग पूरी होने के तीन माह के अंदर अलॉटी एसोसिएशन के अंतर्गत इन समितियों का गठन कर लेना होगा. यदि किसी कारणवश (त्यागपत्र/मृत्यु आदि) पदाधिकारियों का कोई पद रिक्त हो जाता है तो उसे रिक्ति की तिथि से तीन महीने के अंदर भरा जायेगा. रिक्त पद उस व्यक्ति के शेष कार्यकाल के लिए भरा जायेगा, जिसने पद छोड़ा है. एसोसिएशन के सदस्य रिक्त पद के चुनाव के लिए मतदान करेंगे.
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