– विभिन्न शिक्षक संगठनों ने आरोप लगाया है कि अलग-अलग राज्यों के कई अभ्यर्थियों ने गलत आवासीय प्रमाणपत्र बनावा कर आरक्षण का लाभ लिया है
अनुराग प्रधान, पटनाबीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरइ) वन और टू से नियुक्त सभी शिक्षकों के आवासीय प्रमाणपत्रों की अब जांच होगी. इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. शिक्षा विभाग अपने स्तर से आवासीय प्रमाणपत्रों की जांच करेगा. जांच में अगर आवासीय प्रमाणपत्र गलत पाया जायेगा, तो उन्हें निष्कासित कर दिया जायेगा और गलत साक्ष्य देने के आरोप में केस भी दर्ज किया जायेगा. गौरतलब है कि विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इस संबंध में शिक्षा विभाग से शिकायत भी की. शिक्षक संगठनों का आरोप है कि राज्य के बाहरी लोग भी गलत आवासीय प्रमाणपत्र बना कर टीआरइ वन और टू में आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी प्राप्त किये हैं. इस तरह के कई सबूत शिक्षा विभाग को सौंपे गये हैं. इन सभी पहलुओं को ध्यान रखते हुए विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवासीय प्रमाणपत्र के वेरिफिकेशन का आदेश जल्द जारी कर दिया जायेगा. इसके साथ इस संबंध में टेक्निकल टीम की भी मदद ली जा रही है. इस संबंध में टेक्निकल टीम से आवासीय प्रमाणपत्र के वेरिफिकेशन के संबंध में प्लान तैयार करने को भी कहा गया है.
बाहरी महिला अभ्यर्थियों व दिव्यांगों को गलत तरीके से मिला आरक्षण का लाभ
इससे पहले भी राज्य के बाहर की महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिल गया है. इस संबंध में लगातार कार्रवाई विभिन्न जिलों में जारी है. शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से इस संबंध में जानकारी मांगी है और गलत तरीके से आरक्षण का लाभ लेने वाले की नियुक्ति रद्द करने को कहा गया है. शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरइ) में अन्य राज्यों के महिलाओं व दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ मिल गया है. जबकि राज्य के बाहरी लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं देना था. इस मामले में कई शिकायतें सामने आयी हैं. दूसरे राज्यों के शिक्षक अभ्यर्थियों को सीटीइटी में 90 अंक से कम रहने पर भी नौकरी मिल गयी है. इसके साथ दूसरे राज्यों के दिव्यांग अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिल गया है. मामला पकड़ में आने पर सभी डीपीओ स्थापना को इस संबंध में जांच करने को कहा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है