दरभंगा संस्कृत विवि के छात्र उसी कक्षा में लटक रहे जिसमें लिया था नामांकन, परीक्षा का नहीं निकला रिजल्ट
दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय सामान्य कोर्स के किसी कक्षा के किसी छात्र को पिछले साल रिजल्ट नहीं दिया गया. आयुर्वेद के छात्रों का रिजल्ट तो निकला, पर उन्हें अंक पत्र व प्रमाणपत्र नहीं मिला.
प्रवीण कुमार चौधरी, दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में शिक्षाकर्मियों के वेतन मद में प्रति माह चार करोड़ 13 लाख अर्थात एक वर्ष में 49.56 करोड़ रुपये राज्य सरकार खर्च कर रही है. यह पैसा छात्रों को पढ़ाने व डिग्री देने के लिए मुख्यालय व पीजी विभाग सहित 31 अंगीभूत, 24 शास्त्री स्तरीय संबद्ध एवं 15 उपशास्त्री कॉलेजों पर सरकार खर्च कर रही है. वर्ष 2022 में इसका फलाफल शून्य रहा. सामान्य कोर्स के किसी कक्षा के किसी छात्र को पिछले साल रिजल्ट नहीं दिया गया. आयुर्वेद के छात्रों का रिजल्ट तो निकला, पर उन्हें अंक पत्र व प्रमाणपत्र नहीं मिला.
छात्र उसी कक्षा में लटक रहे जिसमें लिया था नामांकन
राज्य सरकार एवं राजभवन के निर्देश के बावजूद पूरे एक वर्ष में सत्र 2021 तक का उपशास्त्री, शास्त्री, आचार्य, आयुर्वेद (बीएएमएस व एमडी), शिक्षाशास्त्री, व्यावसायिक शिक्षा, पीएचडी प्रवेश परीक्षा, पीएचडी मौखिकी परीक्षा का लाभ छात्रों को नहीं मिला. इस कारण जो छात्र जिस वर्ग में थे, उसी में लटक रहे. कहा जाने लगा है कि छात्रों को शिक्षित कर डिग्री देने के लिए संचालित विवि केवल शिक्षाकर्मियों को वेतन भुगतान करने वाला बन कर रह गया है.
26 दिसंबर को परीक्षा बोर्ड ने लिया चार दिन में रिजल्ट देने का निर्णय
जिन परीक्षाओं का रिजल्ट चार दिनों के भीतर घोषित करने का निर्णय 26 दिसंबर की परीक्षा बोर्ड की बैठक में ले लिया गया, वह भी अबतक जारी नहीं किया जा सका है. जो छात्र-छात्राएं पहले के सत्रों में पास कर चुके हैं, उन्हें प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा है. इस विवि से डिग्री प्राप्त कर जो कहीं किसी विभाग में कार्यरत हैं, उनकी डिग्री का सत्यापन तक सामान्य रूप से नहीं हो पा रहा है.
परीक्षा विभाग में अभिलेखों का संधारण नहीं
बताया जाता है कि परीक्षा विभाग में अभिलेखों का संधारण सही तरीके से नहीं है. इसके कारण जिन छात्रों को यहां से डिग्री मिल चुकी है, अभिलेख नहीं मिलने से, उनके जारी प्रमाणपत्र को शंका की नजर से देखा जा रहा है.
इन परीक्षाओं का रिजल्ट व प्रमाणपत्र लंबित
जानकारी के अनुसार आचार्य चतुर्थ सेमेस्टर सत्र 2018-20 की परीक्षा दिसंबर 2021 में ही हुई थी. इसका रिजल्ट अब तक लंबित है. उपशास्त्री द्वितीय खंड सत्र 2019-21, शास्त्री प्रतिष्ठा/सामान्य तृतीय खंड सत्र 2018-21, द्वितीय खंड सत्र 2019-22, प्रथम खंड सत्र 2020-23, आचार्य द्वितीय सेमेस्टर सत्र 2019-21, प्रथम सेमेस्टर सत्र 2020-22, व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत संचालित न्यास, योग एवं तनाव प्रबंधन, जन्म कुंडली निर्माण सहित अन्य के सर्टिफिकेट कोर्स की परीक्षा 10 सितंबर 2022 को हुई थी. परीक्षा बोर्ड में निर्णय लिये जाने के बावजूद इनका रिजल्ट जारी नहीं हो सका है.
पीएचडी एडमिशन टेस्ट 2021 का रिजल्ट भी लंबित
वहीं पीएचडी एडमिशन टेस्ट 2021 का रिजल्ट भी लंबित है. पीएचडी मौखिकी परीक्षा के रिजल्ट की अधिसूचना अगस्त 2022 से विवि जारी नहीं कर रहा है. स्नातक स्तरीय आयुर्वेद के 2019 व 2020 वर्षीय प्रथम व द्वितीय खंड सामान्य व विशेष, स्नातकोत्तर स्तरीय 2020 वर्षीय चतुर्थ तथा 2019 वर्षीय प्रथम व द्वितीय व्यावसायिक परीक्षा का रिजल्ट तो जारी कर दिया गया, परंतु अब तक छात्रों को अंक पत्र व प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है.
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कुछ रिजल्ट तैयार है, कुछ भुगतान के अभाव में रुका है
संस्कृत विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ दिनेश्वर यादव ने कहा कि 2021 वर्षीय जिन परीक्षाओं का रिजल्ट जारी करने का निर्णय परीक्षा बोर्ड की बैठक में लिया गया था, उसमें से उपशास्त्री, शास्त्री तीनों खंड, आचार्य दोनों सेमेस्टर का रिजल्ट तैयार कर लिया गया है. तैयार रिजल्ट की जांच की जा रही है. आचार्य चतुर्थ सेमेस्टर सत्र 2018-20 का रिजल्ट तैयार है. जिस डाटा सेंटर से पहले काम लिया जा रहा था, वह विवि द्वारा पैसा का भुगतान नहीं किये जाने के कारण रिजल्ट रोके हुए है.