3186 डॉक्टरों का रिजल्ट जारी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बोले- जल्द नियुक्त किये जायेंगे चिकित्सक
पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा गुरुवार को 3186 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारियों का रिजल्ट प्रकाशित किया गया है. अब इन सभी डॉक्टरों की नियुक्ति सूबे के विभिन्न जिला एवं अनुमंडलीय अस्पतालों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की जायेगी.
पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा गुरुवार को 3186 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारियों का रिजल्ट प्रकाशित किया गया है. अब इन सभी डॉक्टरों की नियुक्ति सूबे के विभिन्न जिला एवं अनुमंडलीय अस्पतालों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की जायेगी.
उन्होंने कहा कि पहली बार एक साथ इतने चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया संपन्न होने जा रही है. स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा और साथ ही इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में आनेवाले अधिक संख्या में मरीजों का इलाज सुगम हो जायेगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने की दिशा में लगातार स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली की जा रही है. पिछले महीने 929 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गयी थी. इस प्रकार एक महीने के अंदर चार हजार चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया विभाग द्वारा पूरी की जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग लगातार बड़े पैमाने पर विभिन्न कोटि में नियुक्तियां कर सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ोतरी कर रहा है. हाल के दिनों में की गयी चिकित्सकों की नियुक्ति के अलावे तीन वर्षों के अंदर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सकों समेत विभिन्न कोटि के 21 हजार 530 स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की जा चुकी है. यह स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में रिक्तियों को लेकर विपक्ष का आरोप मनगढ़ंत ही नहीं, बल्कि लोगों को भ्रम में रखनेवाला है. एनडीए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर नियुक्ति कर न सिर्फ लोगों को रोजगार दिया है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार भी किया है.
पूर्ववर्ती सरकार में लोगों को ग्रामीण स्तर से लेकर जिलास्तर तक ना तो बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती थीं और ना ही एक साथ इतनी बड़ी संख्या में बहाली होती थी. यही नहीं पूर्ववर्ती सरकार के समय तो लोग सरकारी अस्पताल की ओर रुख करना भी मुनासिब नहीं समझते थे.