कैंपस : बीएसइबी के सिस्टम एनालिस्ट व प्रोग्रामर ने पैसे लेकर 16 से अधिक छात्रों के रिजल्ट में किया हेरफेर, केस दर्ज
सिस्टम एनालिस्ट पंकज कुमार व प्रोग्रामर चंदन किशोर सुमन के खिलाफ में कोतवाली थाने में शुक्रवार को केस दर्ज कराया
संवाददाता, पटना
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसइबी) के माध्यमिक के सिस्टम एनालिस्ट और सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग की आइटी शाखा के प्रोग्रामर ने माध्यमिक परीक्षा 2024 में शामिल हुए 16 से अधिक छात्रों के प्राप्तांक में हेरफेर व बदलाव कर उन्हें अधिक नंबर दे दिया. मामला सामने आने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निगरानी पदाधिकारी राजीव कुमार ने सिस्टम एनालिस्ट पंकज कुमार व प्रोग्रामर चंदन किशोर सुमन के खिलाफ में कोतवाली थाने में शुक्रवार को केस दर्ज कराया है. पुलिस ने आइपीसी की धारा 367,368,371 व 420 में मामला दर्ज कर आरोपों के बाबत जांच कर रही है. पंकज कुमार मूल रूप से हाजीपुर के हतसरगंज के आनंद विहार कॉलोनी का रहने वाला है. जबकि चंदन किशोर सुमन सिगोड़ी थाने के निझरा का निवासी है. इधर, कोतवाली पुलिस इन दोनों से संपर्क करने की कोशिश में है. लेकिन दोनों का मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ हो चुका है.बिचौलिया के माध्यम से पैसा लेकर की हेरफेर
सिस्टम एनालिस्ट व प्रोग्रामर पर आरोप है कि इन दोनों ने बिचौलिए के माध्यम से पैसा लिया और 16 से अधिक छात्रों को अधिक नंबर दे दिया. निगरानी पदाधिकारी राजीव कुमार ने पुलिस को बताया है कि वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2024 के परीक्षाफल का प्रकाशन 31 मार्च 2024 को किया गया था. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को पुरुषोत्तम झा ने 13 अप्रैल को एक परिवाद पत्र समर्पित किया, जिसमें उनके द्वारा यह कहा गया है कि समिति के सिस्टम एनालिस्ट पंकज कुमार व प्रोग्रामर चंदन किशोर सुमन ने बिचौलिये के माध्यम से पैसा लेकर छात्रों के रिजल्ट में हेरफेर की है. साथ ही 16 छात्रों का रौल कोड व रौल नंबर भी समिति को प्रदान किया गया. इसके बाद संबंधित रौल नंबर के प्रकाशित परीक्षाफल की उच्च स्तरीय जांच व छानबीन की गयी, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि सिस्टम एनालिस्ट व प्रोग्रामर ने छात्रों के प्राप्तांक में बदलाव किया है. निगरानी पदाधिकारी ने पुलिस को यह भी बताया है कि यह भी संभावना है कि अन्य छात्रों के प्राप्तांक में भी बदलाव किया गया है.दोनों कर्मियों ने दे दिया इ-मेल से त्यागपत्र
निगरानी पदाधिकारी ने पुलिस को यह भी बताया है कि परिवाद व उच्च स्तरीय जांच की जानकारी जब सिस्टम एनालिस्ट व प्रोग्रामर को हुई, तो उन लोगों ने पारिवारिक कारण बताते हुए अपना त्यागपत्र इ-मेल के माध्यम से समिति कार्यालय को भेज दिया. इस तरह अचानक दोनों द्वारा एक ही तिथि में त्यागपत्र समर्पित करना उनकी संलिप्तता की पुष्टि करता है. साथ ही निगरानी पदाधिकारी ने पुलिस को यह बताया है कि सभी छात्रों के परीक्षाफल का संबंधित अभिलेखों से मिलान कर इन्हें प्राप्त वास्तविक प्राप्तांक के आधार पर इनके परीक्षाफल में संशोधन किया जा चुका है और समिति की वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया गया है.सिस्टम एनलिस्ट लाता था कैंडिडेट, 16 में से 10 वैशाली के
सिस्टम एनालिस्ट का घर हाजीपुर में है और उसने बिचौलिये के माध्यम से पैसे लेने के बाद प्रोग्रामर की मदद से छात्रों के नंबर को बढ़ा दिया था. 16 में से सबसे अधिक 10 छात्र वैशाली जिले के चकसिकंदर के एमजेएन गिरि जेएन साह हाइस्कूल से संबंधित हैं. सूत्रों का कहना है कि प्राप्तांक बढ़ाने के लिए सिस्टम एनालिस्ट व प्रोग्रामर ने मोटी रकम वसूली.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है