पटना : सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कोरोना के संभावित इलाज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जलशक्ति मंत्री को पत्र लिख कर गंगाजल पर शोध करने का आग्रह किया है. सितंबर से गंगा की पांच हजार किलोमीटर की मुंडमन परिक्रमा शुरू करने पर काम करनेवाले सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि गंगा पर शोध किया जाये, तो गंगाजल से कोरोना जैसी महामारी का इलाज संभव हो सकता है.
रिटायर्ड कर्नल और अतुल्य गंगा के संस्थापक मनोज किश्वर ने बताया कि गंगा की क्यूरिटिव प्रॉपर्टी को बचाना बहुत जरूरी है. गंगा ने पहले भी मानवजाति को संकट से बचाया है और हो सकता है कि कोरोना जैसी महामारी से हमें गंगा ही बचा पाएं.
उन्होंने कहा है कि गंगा पर पहले भी शोध हुए हैं. ये शोध आईआईटी रूड़की, आईआईटी कानपुर, भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान यानी आईआईटीआर लखनऊ, इमटेक सीएसआईआर, सूक्ष्य जैविकीय अध्ययन केंद्र, नीरी आदि ने किये हैं. कुछ एक अध्ययन यह भी दावा करते हैं कि गंगा जल कुछ मामलों में कुछ वायरस पर भी असर करता है. विभिन्न अध्ययनों में यह साबित हो चुका कि हैजा, पेचिश, मेनिन्जाइटिस, टीबी जैसी गंभीर बीमारियों के बैक्टेरिया भी गंगाजल में टिक नहीं पाते.
आईआईटी रूड़की से जुड़े रहे वैज्ञानिक देवेंद्र स्वरूप भार्गव का शोध है कि गंगा का गंगत्व उसकी तलहटी में ही मौजूद है और आज भी है. गंगा में ऑक्सीजन सोखने की क्षमता है. कई शोधों में यह भी पाया गया कि बैक्टेरियोफाज कुछ वायरस पर भी असरकारक हैं.