चौरों के संरक्षण के लिए जागरूक करेंगे 680 वेटलैंड मित्र

राज्य में चौरों के संरक्षण के लिए 680 वेटलैंड मित्र आम लोगों को जागरूक करेंगे. इन सभी की तैनाती चौरों के आसपास की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 10, 2024 12:56 AM

मंत्री ने की आर्द्रभूमि के संरक्षण व प्रबंधन की समीक्षा संवाददाता, पटना राज्य में चौरों के संरक्षण के लिए 680 वेटलैंड मित्र आम लोगों को जागरूक करेंगे. इन सभी की तैनाती चौरों के आसपास की गयी है. इन वेटलैंड मित्रों को काम शुरू करने से पहले राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिये जाने का निर्णय लिया गया है. यह जानकारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने दी है. वे अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ आर्द्रभूमि के संरक्षण एवं प्रबंधन की समीक्षा कर रहे थे. राज्य की 4500 आर्द्रभूमि की ग्राउंडट्रूथिंग एमआइएस तकनीक से की जायेगी. इसके साथ ही मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने राज्य की पांच महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि को रामसर साइट घोषित करने के लिए कार्रवाई का विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है. इनमें मोतिहारी का सरोत्तर झील, तिरहुत का नरसन चौर, तिरहुत का ही मोनिकामन, भाेजपुर का सुनकी सुईया भागड़ और बेगूसराय का कढ़िओ चौर शामिल हैं. समीक्षा बैठक में यह जानकारी मिली कि राज्य की तीन आर्द्रभूमि बहुत जल्द रामसर साइट घोषित होगी. इनमें उदयपुर, गोगाबील और गोकुल जलाशय शामिल हैं. इनको रामसर साइट के रूप में घोषित किये जाने का प्रस्ताव भेजा गया है. फिलहाल कांबरताल आर्द्रभूमि वर्ष 2020 में रामसर साइट के रूप में घोषित किया गया था. इस वर्ष 2024 में जमुई जिला स्थित नागी और नकटी पक्षी आश्रयणियों को भी रामसर साइट के रूप में घोषित किया गया है. 88 आर्द्रभूमियों का स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड तैयार समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई कि राज्य के 12 जिलों में स्थित प्रमुख 88 आर्द्रभूमियों का संक्षिप्त दस्तावेज, स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया है. आने वाले समय में इन्हें प्रबंधन योजना के अनुरूप विकसित किया जायेगा. इसके साथ ही बिहार राज्य आर्द्रभूमि शोध एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना किये जाने का निर्णय बिहार राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण के द्वारा लिया गया है. वहीं गोकुल जलाशय के लिए समेकित प्रबंध योजना स्वीकृत की गयी है. इसके अंतर्गत 32.483 करोड़ रुपये की लागत से 2027–28 तक इसे विकसित किया जाना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version