तीसरे कृषि रोड मैप में चावल- सब्जी का उत्पादन घटा, फल में हुई वृद्धि
खेती-किसानी की मजबूती के लिए बिहार में कृषि रोड मैप के माध्यम से योजनाएं संचालित हो रही हैं.
मनोज कुमार, पटना
खेती-किसानी की मजबूती के लिए बिहार में कृषि रोड मैप के माध्यम से योजनाएं संचालित हो रही हैं. तीसरे कृषि रोड मैप की अवधि बीते साल पूरी हुई है. तीसरे कृषि रोड मैप में दूसरे कृषि रोड मैप की अपेक्षा चावल, दलहन और सब्जियों का उत्पादन घटा है. फलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है. दूसरे कृषि रोड मैप में चाल का उत्पादन 76.51 लाख टन हुआ, जबकि तीसरे रोड मैप में 70.64 लाख टन ही हुआ. दूसरे कृषि रोड मैप में दलहन का उत्पादन 4.75 लाख टन हुआ था. तीसरे कृषि रोड मैप में घटकर 3.64 लाख टन हो गया. लगभग एक लाख टन की गिरावट आयी. दूसरे कृषि रोड मैप में सब्जी का उत्पादन 183.8 लाख टन हुआ. तीसरे में यह घटकर 179.53 लाख टन हो गया. सब्जी उत्पादन में लगभग चार लाख टन की गिरावट आयी. फलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है. तीसरे कृषि रोड मैप में फलों का उत्पादन 50.02 लाख टन हुआ, जबकि दूसरे में 42.5 लाख टन ही हुआ था. राज्य में पहले कृषि रोड मैप की अवधि 2008-12, दूसरे का काल 2012-17 और तीसरे का कार्यकाल 2017-23 था. वर्तमान में राज्य में चौथे कृषि रोड मैप से योजनाएं संचालित हो रही हैं. इसकी अवधि 2023-28
निर्धारित है. इसमें 12 विभाग संयुक्त रूप से काम कर रह रहे हैं. इन पांच वर्षों में तमाम योजनाओं पर 162268.78 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है