Bihar Politics: बिहार में 2024 में महागठबंधन सरकार गिरने के बाद आरजेडी के चार और कांग्रेस के दो विधायक एनडीए के पाले में चले गए थे. जिस पर दल बदल कानून लागू करने को लेकर महागठबंधन विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से मुलाकात की. दरअसल, महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद प्रहलाद यादव, नीलम देवी, चेतन आनंद, संगीत कुमारी, मुरारी गौतम एनडीए के साथ चले गए थे. जिस पर विपक्ष दल-बदल कानून लागू करने और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग कर रहा है.
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने क्या बताया
आरजेडी विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बताया कि देश में दल-बदल कानून लागू है, इसमें स्पष्ट है कि अगर कोई निश्चित संख्या के बिना दल-बदल करता है, तो उस पर कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी. दल बदल करने वाले आरजेडी के चार सदस्यों ने इंडिविजुअल दल-बदल किए हैं. हम स्पीकर साहब का ध्यान आकर्षित करने के लिए आए थे कि संसदीय परंपरा में जो नियम कायदा है अगर उसका पालन नहीं होगा, तब कानून का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. हमारी मांग है कि आगामी सत्र से पहले इस पर निर्णय हो जाना चाहिए.
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भाई वीरेंद्र क्या बोले
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने बताया, “सिद्दीकी साहब और महागठबंधन के नेताओं के नेतृत्व में विधानसभा अध्यक्ष से मिले. व्हिप का उल्लंघन कर दल-बदल करने वाले विधायकों की सदस्यता समाप्त नहीं हुई. आरजेडी के चार और कांग्रेस के दो विधायकों की सदस्यता आज भी बरकरार है. वे बीजेपी के पक्ष में बैठते हैं. वहीं, संगीता कुमारी को प्रवक्ता बना दिया गया है, मतलब वो सदस्य राजद की हैं और प्रवक्ता भाजपा की. यह संविधान की दसवीं अनुसूची का घोर उल्लंघन है. हमने अध्यक्ष से मिल कर उनकी सदस्यता रद्द करने की अपील की है.”
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