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बिहार उपचुनाव में मिली हार से अधिक RJD झारखंड के रिजल्ट की क्यों कर रही बात ? समझिए…

बिहार उपचुनाव में चारो सीटों पर मिली हार के बाद तेजस्वी यादव समेत राजद कुनबा झारखंड चुनाव परिणाम को अधिक तवज्जो क्यों दे रहा है. जानिए क्या हो सकती है इसके पीछे की वजह..

बिहार उपचुनाव में चार की चार सीटें एनडीए के खाते में गयी हैं. महागठबंधन के हिस्से में बिहार की जो तीन विधानसभा सीटें थीं वो अब एनडीए के पास हैं. कुल चार सीटों में तीन सीटों पर राजद (RJD) जबकि एक सीट पर माले के उम्मीदवार उपचुनाव लड़ रहे थे. अब चारो सीटों पर गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा तो राजद का कुनबा बिहार उपचुनाव से अधिक पड़ोसी राज्य झारखंड के चुनाव परिणाम को तवज्जो दे रहा है. जबकि एनडीए उपचुनाव के परिणाम को बिहार में डबल इंजन की सरकार का जलवा बता रहा है.

तेजस्वी ने झारखंड के परिणाम को दिया तवज्जो

बिहार उपचुनाव में क्लीन स्वीप हो जाने के बाद राजद का कुनबा झारखंड चुनाव में राजद समेत इंडी गठबंधन को मिली प्रचंड जीत को अधिक तवज्जो दे रहा है. जब तेजस्वी यादव से मीडिया ने चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने कहा कि ना वो निराश हैं ना उनकी पार्टी. तेजस्वी ने कहा कि झारखंड के चुनाव परिणाम से हम उत्साहित हैं. जहां राजद को इसबार 4 सीटों पर जीत मिली है. तेजस्वी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हम जीतेंगे.उपचुनाव में हार की समीक्षा पार्टी करेगी और कमी को दूर करेंगे. 2025 में किसी कीमत पर एनडीए की सरकार नहीं बनने देंगे.

राजद प्रवक्ता ने भी झारखंड परिणाम को दी तवज्जो

वहीं राजद प्रवक्त चितरंजन गगन ने कहा कि उपचुनाव में अक्सर सत्ताधारी पार्टी ही जीतती है. लेकिन झारखंड में सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वालों को जिस तरह बैरंग लौटा दिया गया उसी तरह बिहार के चुनाव में भी एनडीए का सफाया हो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि हमारे नेता झारखंड में ही कैम्प किए थे. इस चुनाव में साफ हो गया कि तेजस्वी यादव की लोकप्रियता बिहार ही नहीं बल्कि झारखंड में भी बढ़ी है.

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एनडीए कर रहा डबल इंजन सरकार की बात, नीतीश मॉडल को तवज्जो

इधर, एनडीए कुनबा बिहार उपचुनाव परिणाम को डबल इंजन सरकार की जीत बता रहा है. नीतीश कुमार की लोकप्रियता और विकास मॉडल जनता की पसंद है, ऐसा सम्राट चौधरी समेत एनडीए के अन्य नेता कहते दिखे. एनडीए नेताओं ने इस चुनाव परिणाम को लेकर यह बताना चाहा है कि तेजस्वी यादव और राजद के साथ जनता नहीं है बल्कि नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है. बता दें कि उपचुनाव प्रचार के दौरान राजद समेत महागठबंधन ने जहां नीतीश कुमार की लोकप्रियता को घटता हुआ दिखाने की कोशिश की थी तो वहीं एनडीए लालू परिवार पर हमलावर था.

अपनी-अपनी जीत को क्यों आगे रख रहे नेता?

दरअसल, बिहार का यह उपचुनाव परिणाम आगामी बिहार चुनाव 2025 के सेमीफाइनल की तरह था. इस चुनाव परिणाम के जरिए जीते हुए गठबंधन में ऊर्जा बढ़ी रहेगी. कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा दिख रहा है. एनडीए यह दिखाने का प्रयास अब कर रही है कि बिहार चुनाव में भी जनादेश उनके ही पक्ष में होगा. जबकि महागठबंधन या कहें तो खासकर आरजेडी तेजस्वी यादव की लोकप्रियता अन्य राज्यों में भी बढ़ी है, इसका उदाहरण देने अभी झारखंड चुनाव के परिणाम को अधिक तवज्जो दे रही है. ताकि कार्यकर्ताओं का भी मनोबल बढ़ा रहे. जिसका लाभ आगामी चुनाव में मिल सकेगा. बता दें कि झारखंड में 2019 के चुनाव में राजद को एक सीट पर जीत मिली थी जबकि इसबार 6 में 4 सीटों पर आरजेडी उम्मीदवार जीते हैं.

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