ठाकुर शक्तिलोचन: कहते हैं ठान लो तो जीत और मान लो तो हार, जिंदगी के उतार-चढ़ाव में अगर हौसला लड़खड़ा जाए तो हार तय है और अगर बुलंद हौसले के साथ एक कदम आगे बढ़ा लिया जाए तो जीत तय है. वहीं बुरे दौर में किसी का मजबूत साथ मिल जाए तो जीत सुनिश्चित करना आसान हो जाता है. ऐसी ही कहानी है बिहार निवासी एक युवा अभिनव पंकज की जिन्होंने दोनों हाथों को एक हादसे में गंवा दिया लेकिन आज राजद में वो एक मजबूत भूमिका निभा रहे हैं.
बिहार के युवा अभिनव पंकज राजद के सोशल मीडिया और आइटी सेल में बतौर वाइस प्रेसिडेंट अपनी सेवा दे रहे हैं. अभिनव का पैतृक गांव लखीसराय में है जबकि माता-पिता भागलपुर में रहते हैं. अभिनव की कहानी बेहद दर्दनाक और दूसरों में हौसला भरने वाली है.
2007 के शुरुआत में एक रेल हादसे में अभिनव के दोनों हाथ कट गये. उस समय वो इंजीनियरिंग के छात्र थे. जिंदगी के उस दौर से सामना हुआ जहां केवल अंधेरी रात ही अभिनव के हिस्से थी. लेकिन कहीं न कहीं अभी भी एक सवेरा बांकी था.
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अभिनव के लिए अचानक सारे रास्ते बंद हो चुके थे. लेकिन बड़ौदा में रहने के दौरान उन्हें पड़ोस में रह रहे शैलेश से अच्छे संबंध काम आए. शैलेश कोई और नहीं बल्कि लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती के पति हैं. अभिनव ने उनसे मदद मांगी कि कोई काम वो लगवा दें. जिसके बाद शैलैश ने अभिनव को राजद के आइटी सेल के साथ जोड़ दिया.
अभिनव 2013 में पटना पहुंचे. वो ऐसा दौर था जब राजद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मजबूत करने में जुटा था. गौरतलब है कि इसी समय लालू यादव ट्वीटर से जुड़े थे. ट्विटर से जुड़ने वाले बिहार के नेताओं में लालू प्रसाद यादव सबसे अग्रणी थे. अभिनव ने संजय यादव के नेतृत्व में काम करना शुरू कर दिया. अभिनव बताते हैं कि संजय यादव ने बड़े भाई से बढ़कर उन्हें मदद की और बेहद साकारात्मक माहौल में आगे बढ़ाया.
अभिनव तमाम वो काम कर सकते हैं जो प्रोफेशन में किसी व्यक्ति को करना होता है. तेजस्वी यादव के बारे में बताते हुए अभिनव कहते हैं कि वो बेहद ही शानदार व्यक्तित्व के हैं. हमेशा मुझे कार्यस्थल में पूरी स्वतंत्रता देते हुए आगे बढ़ाया. मेरा विशेष ख्याल रखा. ऐसे किसी नियम में नहीं बांधा जिससे मुझे किसी प्रकार का कोई कष्ट हो. मैं हमेशा तेजस्वी जी, उनके परिवार और अपने काम के प्रति इमानदार रहता हूँ.
अभिनव बताते हैं कि राजगीर में 2014 में प्रशिक्षण शिविर चल रहा था. मैं भी साथ गया था. तेजस्वी यादव ने एक बड़े नेता को कहा कि ये अभिनव है और इसके साथ एक आदमी हमेशा रहे मदद के लिए. चूँकि अभिनव टीम तेजस्वी में नए थे इसीलिए उन्हें सहज अनुभव करवाने के लिए कहते थे कि स्वयं आकर खुद गाड़ी में बैठ जाया कीजिए. किसी के इंतजार में नहीं रहना है. तेजस्वी यादव के सम्बंध में ऐसे कई वाकयों को अभिनव ने साझा किया जिससे उनकी परिपक्व और सकारात्मक सोच की जानकारी मिलती है.
लालू यादव का जिक्र कर अभिनव बताते हैं कि राजद सुप्रीमो ने भी कई बार मुझे वो अपनापन दिखाया है जो इस हाल में खड़े युवक के हौसले को बढ़ाता है. कई बार उन्होंने शिवानंद तिवारी जैसे राजद के वरिष्ठ नेताओं सामने भी मेरे काम की काफी प्रशंसा की. अभिनव कहते हैं कि इस परिवार ने मुझे बुरे दौर में बल दिया. इसलिए अभिनव भी इसे अपना काम या पेशा नहीं मानते