राजद प्रदेश कार्यालय में करीब 17 साल बाद मंत्रियों ने आज सुनवाई की. राज्य सरकार में दो मंत्री मसलन भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता और विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के मंत्री इसराइल मंसूरी ने मंगलवार को करीब दो घंटे से अधिक सुनवाई की. पूरे दो सौ लोगों ने अपनी परेशानी बताने पंजीयन कराया. दोनों मंत्रियों से किसी ने अपनी जमीन का दर्द बताया तो किसी ने अपने मृत बेटे की तस्वीर आगे कर फरियाद लगायी कि सरकार, मेरे बेटे को मारने वाला आजाद घूम रहा है. उसे गिरफ्तार कराओ.
अपने मृत बेटे की तस्वीर लेकर लेकर बिद्दूपुर से शीला आयी थीं. उनके आंखों में आंसू थे. उनके एक दूसरे बेटे के चेहरे पर व्यवस्था के प्रति गुबार दिख रहा था. भूमि एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने पूरी संवेदना से उन्हें सुना और समाधान का आश्वासन दिया. इसके बाद बुजुर्ग महिला और उसके बेटे न्याय की आस में लौट गये. इस तरह 23 जिलों के करीब 200 लोगों ने मंत्रियों के सामने अपनी व्यथा प्रकट की. इसमें महिला आवेदकों की संख्या करीब 20 रही.
सुनवाई के दौरान मंत्रियों ने प्रत्येक आवेदन पर अपनी टीप जरूर लिखी. 100 में से करीब 70 से अधिक समस्याएं भूमि एवं राजस्व विभाग से जुड़ी थीं. जमीन बंटवारा, उस पर कब्जा, नामांकन और दाखिल -खारिज आदि से जुड़ी समस्याएं अधिक थीं. मंत्री आलोक मेहता ने अपने विभाग की सभी समस्याओं को अपने विभागीय अफसर के सुपुर्द कर उचित कार्रवाई के तत्काल निर्देश दिये.
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जनता दरबार में भू-राजस्व के अलावा सर्वाधिक समस्याएं शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, खेती आदि से जुड़े मामले थे. इन्हें संबंधित विभागों को भेज दिया गया. सुनवाई में मंत्रियों की मदद करने लिए पार्टी के वरिष्ठ महासचिव मदन शर्मा, प्रदेश महासचिव फैयाज अहमद , पूर्व मंत्री सुरेश पासवान, प्रदेश उपाध्यक्ष शोभा पासवान , एजाज अहमद और सारिका पासवान आदि उपस्थित रहे.