अधिकतर हॉट सीटों पर राजद ने गंवायी प्रतिष्ठा
शाली जैसी प्रतिष्ठित सीट राजद ने गंवा दी है. यहां राजद उम्मीदवार विजय कुमार शुल्का उर्फ मुन्ना शुक्ला चुनाव हार गये हैं. उन्हें लोजपा (रामविलास ) की वीणा यादव ने हरा दिया है.
पटना. प्रदेश के राजनीति में कुछ ऐसी सीटें ऐसी रहीं हैं, जिन पर पूरे प्रदेश की नजर रही. कुछ एक सीटों को छोड़ दें , तो प्रतिष्ठित सीटों पर महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल राजद अपनी प्रतिष्ठापूर्ण सियासी जंग हार गया है. राजद ने पाटलिपुत्र लोकसभा जैसी प्रतिष्ठापूर्ण सीट हासिल की है, वहीं वह सारण, हाजीपुर और पूर्णिया जैसी सीटों पर वह प्रतिष्ठापूर्ण लड़ाई हार गया है.
सीवान में राजद हारा प्रतिष्ठा की लड़ाई
सीवान में राजद को एक बार फिर हार मिली है. यहां राजद के प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी तीसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर राजद प्रत्याशी के रूप में अंतिम बार 2004 में दिवंगत नेता शहाबुद्दीन ही चुनाव जीते थे. दरअसल पिछले 2009 , 2014 और 2019 के तीनों चुनावों में राजद प्रत्याशी के रूप में दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हेना साहेब रही थीं. इस बार हेना साहेब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में यहां चुनाव लड़ा.
राजद का तुरुप का इक्का गया में फेल
गया सुरक्षित सीट राजद के लिहाज से प्रतिष्ठापूर्ण मानी जा रही थी. यहां राजद प्रत्याशी कुमार सर्वजीत चुनाव हार गये हैं. उन्हें हम (सेक्युलर) के नेता जीतन राम मांझी ने हराया है. राजद ने इस सीट पर कुमार सर्वजीत को तुरुप को इक्के के रूप में चुनाव मैदान में उतारा था. इस सीट पर राजद ने अपनी पूरी ताकत झौंक रखी थी. वर्ष 2019 के चुनाव में यहां जदयू और 2014 के चुनाव में यह सीट भाजपा ने जीती थी.सारण में रोहिणी का नहीं चला जादू
सारण लोकसभा सीट पर लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव हार गयी हैं. भाजपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने एक बार फिर बाजी मारी है. सारण सीट खुद राजद और उनके प्रमुख लालू प्रसाद की सियासत के लिए ‘माइल स्टोन’ रही है. 1977 में पहली बार यहीं से चुनाव जीते थे. लालू प्रसाद 2004 और 2009 में अंतिम बार वे यहीं से चुनाव जीते थे.मीसा ने रोक दी रामकृपाल की हैट्रिक
राजद ने पाटलिपुत्र लोकसभा सीट जीत ली है. यहां से राजद सुप्रीमो की बेटी डॉ मीसा भारती चुनाव जीत गयी हैं. उन्होंने यहां भाजपा के दिग्गज नेता रामकृपाल यादव की जीत की हैट्रिक नहीं लगाने दी. वर्ष 2014 और 2019 में भाजपा के रामकृपाल यादव ने राजद की मीसा भारती को हराया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में मीसा भारती यहां 39 हजार से कुछ अधिक मतों से हार गयी थीं.पूर्णिया: ‘जिद’ से तीसरे नंबर पर
पूर्णिया लोकसभा सीट पर राजद ने अभूतपूर्व चुनाव कैंपेन करने के बाद भी राजद उम्मीदवार बीमा भारती चुनाव हार गयी हैं. वे तीसरे स्थान पर रही हैं. यहां की लड़ाई राजद के लिए प्रतिष्ठापूर्ण थी. यह देखते हुए कि दिग्गज नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के विरोध को ताक पर रखकर यहां से बीमा भारती को टिकट दिया गया था. राजद ने तय किया कि वह अपना प्रत्याशी नहीं बदलेंगे. उन्होंने अपना आक्रामक चुनाव प्रचार भी यहीं से शुरू किया. यह बात और है कि पप्पू यादव ने प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ी और चुनावी जंग जीती. यहां एनडीए प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहा.वैशाली: वापस नहीं मिली परंपरागत सीट
वैशाली जैसी प्रतिष्ठित सीट राजद ने गंवा दी है. यहां राजद उम्मीदवार विजय कुमार शुल्का उर्फ मुन्ना शुक्ला चुनाव हार गये हैं. उन्हें लोजपा (रामविलास ) की वीणा यादव ने हरा दिया है. वर्ष 2019 और 2014 में राजद प्रत्याशी और वरिष्ठ समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव हारे थे. पिछले चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह को कुल मत का 31.04 प्रतिशत वोट मिले थे. जबकि एलेजपी की वीणा यादव को 52.97 प्रतिशत वोट मिले थे. बता दें कि एक दौर में यहां मनरेगा मैन रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव जीता करते थे.मधेपुरा : ‘यादवोंं का बैटल ग्राउंड’, फिर हारा राजद
मधेपुरा संसदीय क्षेत्र में यादव वोट बैंक निर्णायक होने की वजह से राजद को यहां इस बार जीत की उम्मीद थी. यहां से राजद उम्मीदवार प्रो कुमार चंद्रदीप चुनाव हार गये हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इस सीट पर अपने सियासी मित्र और पहले प्रतिस्पर्धी रहे दिवंगत शरद यादव से कई बार सियासी जंग लड़ी. यहां कभी लालू प्रसाद हारे, तो कभी उन्होंने शरद यादव को हराया. 2019 में जदयू के दिनेश चंद्र यादव ने राजद के शरद यादव को करीब तीन लाख से अधिक मतों से जीते थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है