पटना में अब दवा व बीमारियों पर होगा शोध, RMRI व NMCH के डॉक्टर और वैज्ञानिक मिलकर करेंगे रिसर्च
पटना के आरएमआरआइ व एनएमसीएच संस्थानों के डॉक्टर व वैज्ञानिकों को टास्क सौंपा गया, जिसके तहत मिलकर कार्य भी शुरू कर दिया है. वर्तमान में कालाजार, डेंगू आदि बीमारियों पर शोध कार्य शुरू किया गया है.
पटना में भी अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में नयी-नयी दवा पर हो रहे शोध और नयी बीमारियों के इलाज में हो रहे क्लीनिकल शोध की कवायद शुरू कर दी गयी है. नये तरह का शोध शहर के आरएमआरआइ (राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट) व एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) के डॉक्टर और वैज्ञानिक मिलकर करेंगे. दोनों संस्थानों के बीच समझौते के बाद एमओयू भी साइन हो गया है. इसके तहत अब यहां के डॉक्टर किसी भी रिसर्च की गयी दवा का मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल कर सकेंगे. इसके लिए एनएमसीएच में भर्ती मरीजों को शामिल किया जायेगा. डॉक्टर रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर वहां के उच्च तकनीक के लैब की मदद से शोध करेंगे.
एमडी व एमएस के डॉक्टरों को होगा फायदा
एनएमसीएच से एमडी व एमएस डॉक्टर बन कर निकलते हैं. लेकिन रिसर्च की व्यवस्था सही तरीके से नहीं होने से जूनियर डॉक्टरों को सही से ज्ञान नहीं मिल पाता है. ऐसे में अब आरएमआरआइ के साथ मिलकर रिसर्च करने से यहां के एमडी व एमएस की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों को काफी फायदा मिलेगा.
अलग-अलग बीमारियों पर होगा रिसर्च
आरएमआरआइ के डायरेक्टर डॉ कृष्णा पांडेय ने बताया कि एनएमसीएच व आरएमआरआइ की ओर से रिसर्च को लेकर समझौता हो चुका है. एमओयू भी हो गया है. इसके बाद दोनों संस्थानों के डॉक्टर व वैज्ञानिकों को टास्क सौंपा गया, जिसके तहत मिलकर कार्य भी शुरू कर दिया है. वर्तमान में कालाजार, डेंगू आदि बीमारियों पर शोध कार्य शुरू किया गया है.
इसके अलावा आने वाले दिनों में कई अलग-अलग बीमारियों को भी शामिल किया जायेगा . खासकर कोरोना, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू, ब्लैक फंगस आदि बीमारियों को भी शोध का विषय बनाया जायेगा. इन बीमारियों की क्लिनिक ट्रायल के लिए अस्पताल की आवश्यकता होती है. इसको देखते हुए एनएमसीएच के डॉक्टरों से लगातार मदद ली जा रही है .