31 दिसंबर की रात अपराधियों द्वारा एक ट्रक चालक से एनएच दो पर मुठानी के समीप साढ़े 14 हजार रुपये लूट लिया गया. इसी तरह से एक दिन पहले भी मुठानी के पास ही एक और ट्रक वालों से अपराधियों ने छिनतई की घटना को अंजाम दिया था. खास बात यह है कि दोनों ही मामले में लूट के शिकार ट्रक चालकों द्वारा संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी. प्राथमिकी दर्ज नहीं कराये जाने के कारण पुलिस के लिए लुटेरों को पकड़ना जहां मुश्किल हो जाता है, वहीं दूसरी तरफ अपराधी भी इसका फायदा उठाते हुए एक के बाद एक लूट की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं. जब तक की किसी मामले में उन पर प्राथमिकी व गिरफ्तारी नहीं हो जाती है.
दरअसल, एनएच दो पर सक्रिय अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट पर बाहरी प्रदेशों से एनएच दो के रास्ते गुजरने वाले ट्रक चालक होते हैं. क्योंकि, बाहरी प्रदेश के ट्रक चालकों से छोटी राशि की छिनतई या लूट किये जाने पर वे बगैर प्राथमिकी दर्ज कराये अपने गंतव्य की ओर चल देते हैं. बाहरी प्रदेश के ट्रक चालक केस और कोर्ट के चक्कर से बचने के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं कराते हैं और इसी का फायदा अपराधी भी उठाते हैं. ऐसा लगता है कि अगर वे प्राथमिकी दर्ज करायेंगे तो उन्हें बार बार उक्त मामले में केस को लेकर आना पड़ेगा. छोटी राशि होने के कारण वे बिना प्राथमिकी नहीं दर्ज कराये ही चले जाते हैं.
एनएच-दो पर हाल के दिनों में लूट व छिनतई की घटनाएं पुलिस के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. बीते 16 दिसंबर को एनएच=दो पर कुदरा थाना क्षेत्र में पुसौली के समीप लूट की घटना लुटेरों के बुलंद हौसले को बताने के लिए काफी है. लुटेरों द्वारा एक ट्रक चालक से एक लाख 30 हजार रुपये लूटने के बाद उसके मोबाइल से 12 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर करा कर मोबाइल के साथ फरार हो गये थे.
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बड़ी बात यह है कि उक्त लूट की घटना को घटित हुए 15 दिन से अधिक हो गये. लेकिन, जल्द से जल्द उद्भेदन का दावा करने वाली पुलिस अभी तक उक्त मामले का खुलासा नहीं कर पायी है. लूट के घटनाओं का उद्भेदन नहीं होने से अपराधियों द्वारा लगातार घटनाओं को अंजाम दिये जा रहे हैं.