BPSC पेपर लीक मामला: NIT के पूर्व छात्रों की भी भूमिका आ रही सामने, सॉल्वर गैंग के सरगना की तलाश तेज
बीपीएससी पेपर लीक मामले में अब एनआइटी के कुछ और छात्रों का नाम सामने आ रहा है. ये छात्र पूर्व में ही पढ़ाई संपन्न कर चुके हैं लेकिन जिस सेटर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है उसमें इनके नाम सामने आ रहे हैं.
बीपीएससी पेपर लीक मामले की जांच कर रही इओयू की एसआइटी इसके मुख्य अभियुक्त पिंटू यादव की तलाश में लगी हुई है. इसी क्रम में दरभंगा में दो संदिग्ध युवकों से पूछताछ की गयी थी. इससे पहले सचिवालय सहायक राजेश कुमार और सुधीर कुमार सिंह को तीन दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की गयी थी. इन तमाम लोगों से पूछताछ में कुछ अहम बातें सामने आयी हैं. एनआइटी के कुछ पूर्व छात्रों का नाम भी इसमें सामने आ रहा है.
गैंग में एनआइटी के कुछ पूर्व छात्र भी शामिल
एसआइटी को पूछताछ के दौरान यह भी जानकारी मिल रही है कि प्रश्न-पत्र सॉल्व करने से लेकर इसकी सेटिंग से जुड़े गैंग में एनआइटी के कुछ पूर्व छात्र भी शामिल हैं. इन छात्रों के बारे में भी सटीक जानकारी प्राप्त की जा रही है. इसके आधार पर इनमें कुछ छात्रों से भी जल्द पूछताछ की जा सकती है. फिलहाल इस मामले से जुड़े अन्य सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. इसके आधार पर आने वाले कुछ ही दिनों में बड़े स्तर पर कार्रवाई हो सकती है.
पटना विश्वविद्यालय के द्वार पर धरना
उधर बीपीएससी पेपर लीक मामले को लेकर सूबे की सियासत भी गरमायी हुई है. जन अधिकार छात्र परिषद रोशन शर्मा की अध्यक्षता में पटना विश्वविद्यालय के द्वार पर एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया. जन अधिकार छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं ने बीपीएससी पेपर लीक मामले को उठाते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य को खराब किया जा रहा है, जांच के नाम पर सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ कर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. छात्र नेताओं ने कहा कि मामले को सीबीआइ जांच कराएं और जो बड़े-बड़े शिक्षा माफिया इसमें संलिप्त हैं उसको कड़ी से कड़ी सजा देकर छात्रों को न्याय दिलाया जाये.
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इओयू की ताबड़ताड़ कार्रवाई
बता दें कि पेपर लीक मामले में ईओयू की एसआइटी ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है. आरा के कॉलेज में कार्यरत कर्मियों को गिरफ्तार करने के बाद एक गिरोह का भी खुलासा किया गया है जो पैसे लेकर प्रश्न-पत्र लीक कराने और परीक्षा शुरू होने से पहले उत्तर मुहैया कराने का काम करता था. इस गिरोह में एनआइटी पटना का छात्र, कृषि विभाग का सहायक और शिक्षक तक शामिल है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan