पीपीयू मुख्यालय बनने के लिए 216 करोड़ जारी, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) का मुख्यालय बख्तियारपुर में बनेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 12, 2024 8:17 PM

संवाददाता, पटना:

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) का मुख्यालय बख्तियारपुर में बनेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने राशि भी जारी कर दी है. पीपीयू मुख्यालय बनने के लिए 216 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. 10 से 15 दिनों में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की ओर से आगे की तैयारी शुरू की जायेगी. दो से तीन माह में मुख्यालय बनने का काम शुरू भी हो जायेगा. सरकार के द्वारा विवि को बख्तियारपुर में दस एकड़ जमीन दी गयी है. पहले पीपीयू को मीठापुर में साढ़े आठ एकड़ जमीन देने का निर्णय राज्य सरकार के द्वारा लिया गया था, जिसमें बदलाव किया गया है और इसे बख्तियारपुर में शिफ्ट कर दिया गया. मेट्रो परियोजना आ जाने के बाद विवि के पास सिर्फ छह एकड़ की जमीन ही बची थी. विवि के द्वारा लगातार अपने भवन के लिए जमीन की मांग की जा रही थी, लेकिन साथ ही विवि के द्वारा अधिक जमीन की मांग भी की जा रही थी. क्योंकि यूजीसी अनुसार विवि को दस एकड़ जमीन चाहिए थी. मीठापुर में कम जमीन रहने के कारण इसे बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के पास जमीन दी गयी. यहां पीपीयू का एकेडमिक भवन बनेगा.

पीजी कैंपस बनेगा बीएस दानापुर में, जल्द काम होगा शुरू:

वहीं, पीपीयू का पीजी कैंपस दानापुर में बनेगा. कुलपति प्रो आरके सिंह ने बताया है कि बीएस कॉलेज दानापुर में पीजी विभाग बनेगा. इसके लिए वन विभाग को पत्र भेजा गया है. वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद वहां भी 15 से 20 दिनों में काम को आगे बढ़ाया जायेगा. पीजी कैंपस बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया जायेगा. बीएस कॉलेज के पास 11 एकड़ जमीन है. इसमें से पांच एकड़ जमीन पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी पीजी कैंपस के निर्माण के लिए दी जायेगी. इस जमीन पर विश्वविद्यालय अपने आंतरिक स्रोत से भवन का निर्माण करायेगा. इसके सभी विभाग एक साथ ट्रांसफर नहीं किये जायेंगे. इसे चरणबद्ध तरीके से वहां भेजा जायेगा. पहले चरण में तीन-चार विभागों को चालू किया जायेगा. नये परिसर में शिक्षा के अलावा कॉमन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी बनाया जायेगा. इससे सभी बच्चों को यहां से खेल गतिविधियां कराने में सुविधा होगी. उन्होंने बताया कि अब पीजी के छात्रों को पढ़ाई के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. उन्हें शहर में ही अपनी पढ़ाई जारी रखने का मौका मिलेगा.

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