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प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन की अवधि बढ़ाने के नियम होंगे सख्त

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा कि किसी प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन की अवधि विशेष परिस्थिति में ही बढ़ाई जायेगी.

संवाददाता, पटना.

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा कि किसी प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन की अवधि विशेष परिस्थिति में ही बढ़ाई जायेगी. ऐसा आवेदन करने वाले प्रमोटरों को पूरा विवरण सहित अतिरिक्त सरचार्ज का भी भुगतान करना होगा. वे मंगलवार को प्रमोटरों के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला में 41 वैसे प्रमोटरों को आमंत्रित किया गया था, जिनके प्रोजेक्ट का निबंधन 30 सितंबर 2024 तक समाप्त होने वाला है. उन्होंने प्रमोटरों से आग्रह किया कि वे अपनी परियोजनाओं को रेरा में निबंधन कराने के लिए आवेदन करने से पहले ठीक से होमवर्क कर लें. आवेदन के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएं ताकि इसका त्वरित निपटारा किया जा सके.

प्राधिकरण का आदेश नहीं मानने वाले प्रमोटरों पर कड़ी कार्रवाई

रेरा अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि प्राधिकरण के आदेशों का पालन नहीं करने वाले प्रमोटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. ऐसे प्रमोटरों पर प्रावधान के अनुसार जुर्माना लगाने, डिफॉल्टर की चल और अचल संपत्ति जब्त करने और यदि आवश्यक हो तो व्यक्ति को गिरफ्तार करने जैसे कदम भी उठाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण परियोजना को समय पर पूरा करने के पक्ष में है. कार्यशाला का उद्देश्य रजिस्ट्रेशन समाप्त होने से पहले समय पर हस्तक्षेप करना है. इस मंच का उपयोग करके हम प्रमोटरों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें निबंधित परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए पहले से ही सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए.

समय पर परियोजना पूरा होने पर आवंटी-प्रमोटर दोनों को फायदा

रेरा बिहार की सदस्य नूपुर बनर्जी ने कहा कि प्रोजेक्ट के पंजीकरण के समय से ही प्रमोटरों को सक्रिय रहने की जरूरत है. परियोजनाओं के समय पर पूरा होने से न केवल आवंटियों को लाभ होगा, बल्कि यह प्रमोटर के लिए भी फायदेमंद होगा. वे परियोजना को पूरा करने में विलंब से होने वाली जटिलताओं से बच जायेंगे. रेरा बिहार के दूसरे सदस्य एसडी झा ने कहा कि प्राधिकरण आवंटियों के हितों की सुरक्षा पर विशेष जोर देने के साथ रियल एस्टेट क्षेत्र के विनियमन और विकास दोनों के लिए कार्य कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जुर्माना तभी लगाया जाता है जब प्रमोटर अधिनियम के प्रावधानों और प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करने में विफल रहते है. कार्यशाला में रेरा बिहार के सचिव राजेश थदानी, न्याय निर्णायक अधिकारी एके तिवारी और वरिष्ठ कानूनी सलाहकार वेद प्रकाश सहित रेरा के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया. प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी प्रमोटरों की शंकाओं का समाधान किया गया.

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