संवाददाता, पटना
राज्य में कौन-सी ग्रामीण सड़कें मेंटेनेंस समयावधि में हैं, इसकी जानकारी अगले 15 दिनों बाद एक पब्लिक ऐप ‘हमारी सड़क, मेरी सड़क’ के माध्यम से आम लोगों को एक क्लिक पर मिलने लगेगी. इस ऐप में सड़कों के नाम रहेंगे. सड़कों के बारे में शिकायत या सुझाव देने के लिए लोग उसकी जियो टैग फोटो को ऐप के माध्यम से भेज देंगे. यह फोटो विभाग के ठेकेदार और इंजीनियर भी देख सकेंगे. विभाग के माध्यम से सड़कों की जांच करवाकर ठीक करवाया जायेगा. इसका मकसद सुदूर क्षेत्रों से राजधानी पटना पांच घंटे में पहुंचना सुनिश्चित करना है. यह जानकारी शुक्रवार को ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी और विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी. इसका आयोजन विश्वेश्वरैया भवन स्थित विभागीय सभाकक्ष में किया गया था.
मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि राज्य में ग्रामीण सड़कों की नयी मेंटेनेंस नीति लागू होने के बाद सात साल की अवधि में सड़कों का दो बार कालीकरण होगा. करीब 65 हजार किमी लंबाई में सड़कें मेंटेनेंस पीरियड में हैं. विभाग ने भी सड़कों की जांच में पाया है कि करीब 10 से 15 फीसदी सड़कें खराब हैं. इन खराब सड़कों को नवंबर तक हर हाल में ठीक कराने का निर्देश संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार को दिया गया है. नवंबर के बाद मेंटेनेंस समयावधि वाली सड़कों की जांच फिर से विभाग करवायेगा. मंत्री अशोक चौधरी और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में नौ साल बाद मुख्यमंत्री सेतु योजना शुरू की गयी है. मंजूरी जिला संचालन समिति की अनुशंसा पर विभाग देता है. इस योजना में राज्य में एक हजार पुलों का निर्माण किया जायेगा. वर्ष 2024-25 में तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से छह सौ पुलों का निर्माण होगा. इसमें एक सौ मीटर लंबाई वाले पुल ग्रामीण कार्य विभाग और एक सौ मीटर से अधिक लंबे पुलों को बिहार राज्य पुल निर्माण निगम बनवायेगा.
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