पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर ही सभी प्रवासी मजदूरों की डोर-टू- डोर विस्तृत स्क्रीनिंग करायी जाये, ताकि कोरोना से संबंधित कोई लक्षण हो, तो तुरंत उसकी पहचान की जा सके. इसके लिए उन्होंने जल्द टीम गठित करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री गुरुवार को कोरोना से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा कर रहे थे.मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना जांच के लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया लगातार जारी रखी जाये. एक समय के बाद फिर से स्क्रीनिंग करायी जाये और इसका फॉलोअप भी किया जाये, ताकि कोई प्रवासी मजदूर न छूटे और संक्रमण की ससमय पहचान कर कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके.
रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स शुरू करे काम मुख्यमंत्री ने कहा कि लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बनाये गये राज्यस्तरीय टास्क फोर्स तुरंत काम शुरू करे. रोजगार सृजन में अगर नीतियों में बदलाव की जरूरत है, तो इसके लिए शॉट टर्म व मिड टर्म पॉलिसी के संबंध में सुझाव दें. टास्क फोर्स प्रवासी मजदूरों के लिए श्रम नीति तैयार करने के संबंध में भी जल्द सुझाव दे. नयी इकाइयों की स्थापना के लिए क्या प्रयास किये जा सकते हैं, इसके बारे में टास्क फोर्स प्रवासी मजदूरों से फीडबैक प्राप्त करे और उसके आधार पर समुचित सुझाव दे.
उन्होंने कहा कि कार्यरत इकाइयों से अधिक-से- अधिक लोगों को रोजगार मिल सके, इस संबंध में भी टास्क फोर्स सुझाव दे. नये उपकरणों से तेज कराए टेस्टिंग की प्रक्रिया मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोरोना की जांच एवं बचाव से संबंधित जो भी उपकरण प्राप्त हुए हैं या जल्द प्राप्त होने वाले हैं, उन्हें शुरू करने के लिए तुरंत कदम उठाएं. नये उपकरणों के माध्यम से टेस्टिंग में ज्यादा तेजी लायी जाये. सभी जिलों और चिह्नित स्वास्थ्य संस्थानों में टेस्टिंग जल्द शुरू की जाये. इसके लिए प्रोटोकॉल के अनुसार तुरंत कार्रवाई करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हर संभव स्रोत से वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट, पीपीइ किट, दवाओं और जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करे. इसके लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी. कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं के विस्तार के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया जाये.