संत रविदास ने छुआछूत के खिलाफ उठायी आवाज: सीएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि संत रविदास ने जातिवाद, भेदभाव और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठायी.
संवाददाता, पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि संत रविदास ने जातिवाद, भेदभाव और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठायी. साथ ही समाज को समानता और भाईचारे का संदेश दिया. संत रविदास के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को भी इस अवसर पर नमन करता हूं. उनके द्वारा किये गये कार्यों को भी हमलोगों को याद रखना चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह बातें बुधवार को संत रविदास जयंती पर आयोजित विकास मित्रों के क्षमतावर्द्धन कार्यक्रम में कहीं. इसका आयोजन सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में किया गया था. इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि संत रविदास के विचार से आज भी देश को दिशा मिल रही है. उन्हीं की दी गयी वाणी के आधार पर सबका साथ, सबका विकास के रूप में देश में विकास का काम हो रहा है और इसे चरितार्थ करने में देश का नेतृत्व लगा है. संत रविदास ने ही कहा था कि मन चंगा तो कठौती में गंगा. इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए हर प्रकार के काम किये जाते रहेंगे. साथ ही विकास के काम भी होंगे. ‘पीएम जब सीएम की चर्चा करते हैं तो दुनिया देखती है’ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम की चर्चा करते हैं तो दुनिया देखती है. 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से नीतीश कुमार ने बीमार बिहार में विकास के अनेक काम किये. प्रोमोशन में आरक्षण व्यवस्था की मांग : कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री जनक राम ने प्रोमोशन में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने की मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अनुरोध किया. उन्होंने संबोधन की शुरुआत विकास मित्रों से भोजपुरी भाषा में हालचाल पूछकर किया. इस दौरान ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके मानस पिता हैं और उन्होंने पहली बार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग का गठन किया. इसके बजट में लगातार बढ़ोतरी की. देश में पहली बार महादलित मिशन की स्थापना की गयी. 70 साल की पंचायती राज व्यवस्था में हमें मुखिया और सरपंच बनने का अवसर नहीं मिला. आज लागू नीति के अनुसार यह अवसर मिल रहा है. उन्हाेंने विकास मित्रों से कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही उनके मानदेय को बढ़ाया.
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