प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर सपा नेता का कड़ा विरोध, कहा- छात्रों के अधिकारों का…

Prashant Kishor Arrest: पटना पुलिस ने गांधी मैदान में धरना दे रहे जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया है. प्रशांत किशोर BPSC परीक्षा रद्द करने और बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे.

By Anshuman Parashar | January 6, 2025 8:01 PM

Prashant Kishor Arrest: पटना पुलिस ने गांधी मैदान में धरना दे रहे जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया है. प्रशांत किशोर BPSC परीक्षा रद्द करने और बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे. गिरफ्तारी के बाद, उन्हें सिविल कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन उनकी कानूनी स्थिति अभी भी उलझी हुई है. जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी ने उनकी गिरफ्तारी पर अपनी नाराजगी जताई और BPSC के छात्रों के हक की बात की, वहीं बिहार के अन्य प्रमुख दलों ने इसे राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया.

समाजवादी पार्टी ने किया आंदोलन का समर्थन

प्रशांत किशोर के इस आंदोलन को लेकर बिहार के राजनीतिक दलों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है. समाजवादी पार्टी की नेता जूही सिंह ने कहा कि यह आंदोलन छात्रों के अधिकारों के लिए है, और इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को बीपीएससी परीक्षा को दोबारा कराने का वादा निभाना चाहिए.

आंदोलन छात्रों की वास्तविक समस्याओं को …जूही सिंह

बिहार के अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस आंदोलन को राजनीतिक लाभ के लिए उठाए गए कदम के रूप में देखा. इन दलों का कहना था कि प्रशांत किशोर को अपनी गतिविधियों को छात्रों के हित से ज्यादा राजनीति से जोड़ने से बचना चाहिए. जूही सिंह ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि यह आंदोलन छात्रों की वास्तविक समस्याओं को उजागर करने के लिए है, न कि किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए.

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सपा नेता ने बयानबाजी का भी विरोध किया

सपा नेता जूही सिंह ने कुछ नेताओं की बयानबाजी का भी विरोध किया. उन्होंने भाजपा नेता और विधायक रमेश बिधूड़ी द्वारा की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. जूही सिंह ने कहा कि महिलाओं पर जो भी इस तरह की नफरत भरी टिप्पणी करता है और फिर जनप्रतिनिधि बनने का सपना देखता है, तो उसे वोट नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं को जनता के बीच काम करना चाहिए और केवल बयानबाजी से कोई नेता नहीं बनता है. यह घटना अब राजनीतिक चर्चा का विषय बन चुकी है, और प्रशांत किशोर के इस आंदोलन को लेकर विभिन्न दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है.

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