बालू अवैध खनन मामले में दो एसपी चार डीएसपी और एक एसडीएम समेत 3 प्रभारी राजस्व पदाधिकारी सस्पेंड
अवैध बालू खनन मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो एसपी चार डीएसपी और एक एसडीएम समेत 3 प्रभारी राजस्व पदाधिकारी सस्पेंड कर दिया.
पटना. अवैध बालू खनन(illegal sand mining) मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग(Revenue and Land Reforms Department big action) की ओर से मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो एसपी चार डीएसपी और एक एसडीएम समेत 3 प्रभारी राजस्व पदाधिकारी सस्पेंड कर दिया. सरकार ने इससे पहले भी इस मामले में 41 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किया है.
राकेश दूबे समेत दो एसपी निलंबित
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भोजपुर के तत्काली एसपी राकेश कुमार दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका समेत चार डीएसपी जिसमें तनवीर अहमद, पंकज कुमार रावत, अनूप कुमार और संजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है. वहीं एक एसडीएम सुनील कुमार को भी निलंबित कर दिया है. इसके अलावा इसी मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने तीन प्रभारी अंचल अधिकारी जिसमें कोईलवर के तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी अनुज कुमार, पालीगंज के तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी राकेश कुमार और वरुणा औरंगाबाद के तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी बसंतराय को निलंबित कर दिया है. परिवहन विभाग ने इस मामले में भोजपुर के एमभीआई अधिकारी विनोद कुमार को अवैध बालू खनन से जुड़े लोगों को मदद पहुंचाने के मामले में निलंबित किया है. इसी मामले में खनन विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार पर कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही खनन विभाग ने दो खनन पदाधिकारियों की सेवा सहकारिता विभाग को वापस करते हुए उन्हें निलंबित किए जाने की अनुशंसा की गई है.
बालू खनन के साथ परिवहन में भी शामिल थे एसपी
भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका पर गृह विभाग ने अवैध बालू खनन व ढुलाई में शामिल रहने का आरोप लगाया है। दोनों अफसरों पर बालू के अवैध उत्खनन, भंडारण एवं परिवहन में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करने, इसमें संलग्न लोगों को मदद पहुंचाने, अवैध उत्खनन व परिवहन में संलिप्त रहने, अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने एवं संदिग्ध आचरण से संबंधित आरोप लगाया गया है. निलंबन अवधि में दोनों एसपी का मुख्यालय पटना रेंज के आइजी का कार्यालय रखा गया है. दोनों एसपी समेत सभी 17 पदाधिकारियों को निलंबन अवधि में सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा. विभागीय कार्रवाई के लिए आदेश अलग से निर्गत किया जाएगा.