बिहार में आम लोगों को उचित कीमत पर मिलेगा बालू, 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती अक्तूबर में होगी पूरी

खान एवं भूतत्व विभाग के निर्देश पर सभी जिलों ने बंदोबस्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. विज्ञापन के माध्यम से इ-टेंडर के आवेदन मांगे जाने लगे हैं. फिलहाल बालू घाटों से खनन जून से बंद है. अब नये तरीके से बंदोबस्ती होने से सरकार के राजस्व में करीब डेढ़ से दो गुना तक बढ़ोतरी होने की संभावना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2022 6:22 AM
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पटना. बिहार के 35 जिले के 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती अक्टूबर महीने में पूरी होगी. पटना सहित प्रत्येक जिले ने बंदोबस्ती प्रक्रिया के लिए टेंडर का अलग-अलग कार्यक्रम जारी किया है. ऐसे में बंदोबस्ती पूरी होने और सभी प्रक्रियाओं को पूरा होने के बाद बालू खनन सभी बालू घाटों पर नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है. इससे राज्य सरकार का राजस्व बढ़ने की संभावना है, हालांकि सरकार के राजस्व का आकलन बंदोबस्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही हो सकेगा.

इ-टेंडर के आवेदन मांगे जाने लगे

फिलहाल कटिहार, अररिया और शेखपुरा जिलों में बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं होगी. सूत्रों के अनुसार खान एवं भूतत्व विभाग के निर्देश पर सभी जिलों ने बंदोबस्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. विज्ञापन के माध्यम से इ-टेंडर के आवेदन मांगे जाने लगे हैं. फिलहाल बालू घाटों से खनन जून से बंद है. अब नये तरीके से बंदोबस्ती होने से सरकार के राजस्व में करीब डेढ़ से दो गुना तक बढ़ोतरी होने की संभावना है.

बालू की उपलब्धता बढ़ जायेगी

इसके साथ ही राज्य के सभी हिस्सों में बालू की उपलब्धता बढ़ जायेगी. इसका फायदा आम लोगों को होगा, उन्हें उचित कीमत पर बालू मिल सकेगी. निर्माण कार्यों में बढ़ोतरी होने से रोजी-रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. सभी बालू घाटों का डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट पहले ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तैयार कर लिया गया था. उसके आधार पर ही बंदोबस्ती प्रक्रिया हो रही है.

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राज्य में बालू का पर्याप्त भंडारण

इससे पहले मई 2022 तक केवल 16 जिलों के करीब 435 बालू घाटों से खनन होता था. खान एवं भूतत्व विभाग के दावे के अनुसार बालू का खनन बंद होने से पहले राज्य में बालू का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया था, इससे बालू की किल्लत नहीं हुई है और निर्माण कार्य चल रहे हैं. अब नये तरीके से बंदोबस्ती होने से सरकार तथा आम लोगों को भी लाभ मिलेगा. बालू की उपलब्धता बढ़ने से इसके दाम भी कम हो सकते हैं.

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