बिहार में बालू की बढ़ती कीमतों पर लगेगी लगाम, जनवरी से पटना सहित 14 जिलों में शुरू होगा खनन
निगम द्वारा बालू खनन के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट्स 22 दिसंबर को जारी किया जायेगा. वहीं 26 दिसंबर, 2022 को दोपहर बाद एक बजे तक टेंडर भरा जायेगा. साथ ही 26 दिसंबर को ही अपराह्न तीन बजे तकनीकी बिड खोला जायेगा.
पटना सहित 14 जिलों के लिए बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड ने बंदोबस्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन सभी 14 जिलों के बालू घाटों से खनन जनवरी 2023 से शुरू हो जायेगा. ये सभी पुराने बालू घाट हैं. इनमें पटना, सारण, बक्सर, भाेजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, गया, जमुई, लखीसराय, किशनगंज, बांका, वैशाली और पश्चिम चंपारण जिला शामिल हैं. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन सभी जिलों के बालू घाटों से 25 दिसंबर 2022 तक खनन होगा. यह तिथि खत्म होने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अवधि विस्तार का निर्णय लिया गया है. इन सभी जिलों के बालू घाटों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति मिली हुई है. ऐसे में निगम ने राजस्व बढ़ोतरी की संभावनाओं को देखते हुए नई बंदोबस्ती का निर्णय लिया है.
14 जिलों के लिए इ-ऑक्शन होगा
सूत्रों के अनुसार निगम द्वारा इसके लिए टेंडर डॉक्यूमेंट्स 22 दिसंबर को जारी किया जायेगा. वहीं 26 दिसंबर, 2022 को दोपहर बाद एक बजे तक टेंडर भरा जायेगा. साथ ही 26 दिसंबर को ही अपराह्न तीन बजे तकनीकी बिड खोला जायेगा. टेंडर कागजात में सब कुछ ठीक पाने वालों का नाम 29 दिसंबर को जारी होगा. 30 दिसंबर को सभी 14 जिलों के लिए इ-ऑक्शन होगा. इसमें चयनित बंदोबस्तधारी जनवरी 2023 से बालू खनन शुरू कर सकेंगे. निगम ने नई बंदोबस्ती का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के सिविल अपील नं-3661-3662/2020 के आदेश के आलोक में लिया है.
नये बालू घाटों की चल रही बंदोबस्ती
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य के 35 जिले के करीब 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती सहित पर्यावरणीय स्वीकृति की प्रक्रिया भी चल रही है. अधिकतर बालू घाटों की बंदोबस्ती हो चुकी है, लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने में देरी की वजह से पहले पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त पुराने बालू घाटों से ही खनन की तैयारी की जा रही है.
कार्य विभागों से बालू भंडारण की अपील की थी
25 दिसंबर 2022 तक ही बालू खनन की अनुमति होने के कारण निगम ने सभी कार्यविभागों से बालू का भंडारण करने की अपील की थी. सभी कार्य विभागों ने इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी थी. इसके साथ ही निगम ने राज्य में बालू की कमी नहीं होने देने के लिए भी भंडारण शुरू की थी.
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बढ़ती कीमतों पर लगेगी लगाम
बालू का खनन केवल 25 दिसंबर 2022 तक ही होने और इसके बाद खनन बंद होने की खबरों से राज्य में प्रतिदिन बालू की कीमतें बढ़ने लगी थीं. राजधानी पटना में सात हजार से आठ हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर बालू की कीमत चली गयी थी. इससे निर्माण कार्यों में परेशानी आने लगी थी. अब फिर से बालू खनन का रास्ता साफ हो जाने से बालू की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगेगा.