कतार में खड़े होने से पहले ही यात्रियों के बैग हुए सैनिटाइज
पटना एयरपोर्ट दोपहर एक बजे, कैनोपी एरिया में प्रवेश से पहले ही विमान यात्रियों के बैग को केमिकल स्प्रे कर सैनिटाइज किया जा रहा था. उसके बाद सीआइएसएफ के जवान यात्रियों को वहीं नीचे जमीन पर बने गोलाकार घेरे में खड़ा कर दे रहे थे और इसी के साथ मार्क लगा कर बनाये गया घूमावदार क्यू में यात्री का सफर शुरू हो जा रहा था.
पटना : पटना एयरपोर्ट दोपहर एक बजे, कैनोपी एरिया में प्रवेश से पहले ही विमान यात्रियों के बैग को केमिकल स्प्रे कर सैनिटाइज किया जा रहा था. उसके बाद सीआइएसएफ के जवान यात्रियों को वहीं नीचे जमीन पर बने गोलाकार घेरे में खड़ा कर दे रहे थे और इसी के साथ मार्क लगा कर बनाये गया घूमावदार क्यू में यात्री का सफर शुरू हो जा रहा था. आगे पीछे के यात्रियों से दो गज की सुरक्षित दूरी बनाये रखते हुए क्यू में खड़े हवाई यात्री धीरे-धीरे इंट्री प्वाइंट की ओर बढ़ रहे थे और गेट पर बेब कैम के सामने अपना आइडी स्कैन करवा कर संकेत मिलने के बाद टर्मिनल में प्रवेश कर रहे थे.
आगे टर्मिनल के भीतर भी मार्क लगाकर क्यू बनाये गये थे, जिनसे होकर ही विमान यात्री चेकइन से लेकर लगेज बुकिंग तक सभी जरूरी काम कर रहे थे. लोग नियमों का पालन पूरी तरह करें, इसके लिए सीआइएसएफ के जवान भी हर प्वाइंट पर मुस्तैद दिखे. जो यात्री नयी व्यवस्था को ठीक से समझ नहीं पा रहे थे, उन्हें एयरलाइंस कर्मी व एयरपोर्ट ऑथोरिटी के स्टाफ के साथ-साथ ये सुरक्षाकर्मी भी समझाते और उनकी मदद करते दिखे. विमानों के आने का सिलसिला लगातार जारी था और सुबह से दोपहर 1.30 बजे तक पांच विमान पटना एयरपोर्ट पर लैंड कर चुके थे. जबकि, इतने ही यहां से उड़ भी चुके थे. इसके बावजूद नये शेडयूल में दो विमानों के टेक ऑफ के बीच पर्याप्त समय देने के कारण पटना एयरपोर्ट पर कभी भी बहुत अधिक भीड़ नहीं दिखी.
खतरा है, पर जॉब के चलते जाना मजबूरी
बेंगलुरु में आइटी सेक्टर में जॉब करते हैं. बेगूसराय के रहने वाले हैं. घर आये थे एक सप्ताह के लिए लेकिन लॉकडाउन के कारण दो महीने तक रुकना पड़ा. अब जब विमानों की आवाजाही शुरू हुई है, तो वहां के लिए निकल रहे हैं. कोरोना को लेकर यात्रा करने का मन तो नहीं कर रहा था. लेकिन, जॉब है इसलिए जाना मजबूरी है.
राजेश रोशन
बेगूसराय छपरा से आये हैं, रास्ते में परेशानी नहीं हुई
इंडिगो की फ्लाइट से भुवनेश्वर जा रहे हैं. वहां फ्लाइट उड़ाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. लॉकडाउन से पहले छपरा स्थित अपने घर आये थे और दो महीने से वहीं ही थे. अब जब दोबारा से ट्रेनिंग शुरू हुई है तो वापस जा रहे हैं. छपरा से अपने स्कॉर्पियो से पटना आये हैं. रास्ते में परेशानी नहीं हुई. जहां रोका गया, एयर टिकट दिखा दिये.
दीपांशु सिंह, छपरा
लॉकडाउन में फंसी थी अब मिला पति से मिलने का मौका
इंडिगो के फ्लाइट से दिल्ली जा रही हूं. वहां मुंडिका भाग्य विहार में मेरे पति रहते हैं. यहां अपने मायके आयी थी. लेकिन, लॉकडाउन में फंस गयी. दो महीने से पति और परिवार से मिलने के लिए दिन गिन रही थी. अब लॉकडाउन के दौरान विमानों की आवाजाही शुरू होने से दिल्ली जाने का मौका मिल रहा है.
कोमल कुमारी
दिल्ली एयरपोर्ट पर और फ्लाइट के भीतर व्यवस्था ठीक दिखी
दिल्ली में प्राइवेट फाइनेंसियल कंपनी में जॉब करती हूं. लॉकडाउन घोषित होने के बाद से वहां घर पर रह कर ही काम कर रही थी, इसलिए सोचा कि अपने घर बरौनी चलते हैं. जब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी, वहीं से काम होगा. एयरपोर्ट पर व फ्लाइट के भीतर व्यवस्था ठीक थी. क्रू मेंबर व सहयात्री दोनों सतर्क दिखे.
सोनाली कुमारी, बरौनी
मुंबई में एयरपोर्ट तक पहुंचने में परेशानी हुई
मुंबई से निकलने से पहले मन में डर लग रहा था कि पता नहीं भीड़-भाड़ कितनी होगी. यात्रा के दौरान संक्रमण का खतरा कितना होगा, पर व्यवस्था ठीक दिखी. सोशल डिस्टैंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है. विमान में 15-20 सीटों को छोड़ बाकी सब भरे हुए थे. मुंबई में एयरपोर्ट तक पहुंचने में परेशानी हुई और अधिक समय लगा.
शुभम, सहरसा