बिहार में शराबबंदी: भाजपा ने प्रशासन को बताया माफिया का साथी, पुलिसकर्मियों को 10 साल जेल की मांग
नालंदा में जहरीली शराब से करीब दर्जन भर लोगों की मौत के बाद अब सियासत गरमा गयी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने शराब माफियाओं की पुलिस से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उन्हें सजा देने की मांग की है.
बिहार में एक तरफ जहां सम्राट अशोक के विवाद को लेकर एनडीए के अंदर की राजनीति गरमायी है वहीं अब नालंदा में करीब दर्जन भर लोगों की संदेहास्पद मौत से सियासी उबाल बढ़ा है. मृतकों के परिजनों का दावा है कि मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. बात जहरीली शराब की आई तो भाजपा ने इस मुद्दे पर जदयू को निशाने पर लिया. दरअसल अभी हाल में ही शराब से मौत मामले पर जदयू के प्रवक्ता और बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आमने-सामने हुए थे. अब 24 घंटे बीतते ही ये कांड सामने आ गया तो भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर जदयू पर हमला बोल दिया.
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शराबबंदी में खुद का पूरा समर्थन दिया है. उन्होंने इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लिया एक ऐतिहासिक फैसला बताया लेकिन इसमें समीक्षा की वकालत वो अक्सर करते हैं. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने उनपर हमला बोला तो संजय जायसवाल खुलकर बोले कि वो हमेसा ये कहते रहेंगे कि इस कानून में कुछ समीक्षा की बेहद जरुरत है.
अब नालंदा में जब जहरीली शराब से मौत की आशंका सामने आ रही है तो इसे भाजपा ने भी मुद्दा बनाया. संजय जायसवाल ने फेसबुक पर इसे लेकर प्रशासन और पुलिस को घेरा. उन्होंने कहा कि नालंदा में प्रशासन मौत की वजह अजीबोगरीब बीमारी बता रही है. अगर शराबबंदी को सफल बनाना है तो पहले उस अधिकारी की गिरफ्तारी होनी चाहिए.
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संजय जायसवाल ने पुलिस को अपराधी बताया और कहा कि इन्हें 10 साल की सजा होनी चाहिए. 2 माह सस्पेंड रखकर नया थाना सौंप देने का उन्होंने विरोध किया. शराब माफियाओं की पुलिस से मिलीभगत का आरोप लगाकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने पुलिसकर्मियों से ढंग से पूछताछ करने की सलाह दी. वहीं मंत्री नितिन नवीन ने भी यह कहा कि प्रशासन अगर इसमें कुछ गलत करे तो उसे कार्रवाई होनी चाहिए.
Posted By: Thakur Shaktilochan