बिहार के सभी राजकीय संस्कृत विद्यालय बंद होने के कगार पर, कई जगहों पर आठ साल से नहीं हुआ एक भी एडमिशन
प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने राज्य भर में 16 राजकीय संस्कृत विद्यालय की स्थापना की थी. 1953 से 1956 के बीच स्थापित इन स्कूलों में पांच स्कूल झारखंड चले गये और शेष 11 स्कूल बिहार में रह गये. अब इन स्कूलों में एडमिशन नहीं हो पा रहा है. यहां न तो शिक्षक हैं और न प्राचार्य.
बिहार में चल रहे सभी 11 राजकीय संस्कृत विद्यालयों में एडमिशन नहीं हो पा रहा है. पिछले आठ सालों में इन 11 स्कूलों में एडमिशन काफी कम हुआ है. राजकीय संस्कृत विद्यालय बंद होने के कगार पर है. कई में तो आठ साल से एक भी एडमिशन नहीं हुआ है. ऐसे में अब ये स्कूल बंद होने के कगार पर हैं.
श्रीकृष्ण सिंह ने 16 राजकीय संस्कृत विद्यालय की स्थापना की थी
प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने राज्य भर में 16 राजकीय संस्कृत विद्यालय की स्थापना की थी. 1953 से 1956 के बीच स्थापित इन स्कूलों में पांच स्कूल झारखंड चले गये और शेष 11 स्कूल बिहार में रह गये. अब इन स्कूलों में एडमिशन नहीं हो पा रहा है. यहां न तो शिक्षक हैं और न प्राचार्य. 11 स्कूल में आधे से अधिक के पास अपनी जमीन और भवन तो हैं, लेकिन वे खाली पड़े हैं.
स्कूल के पास जमीन और भवन है, लेकिन शिक्षक नहीं
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राजकीय संस्कृत उच्च विद्यालय, पटना में शिक्षकों के आठ पद निर्धारित हैं. वहीं, सौ बच्चों का नामांकन लेना है, लेकिन इस स्कूल में शिक्षक और प्राचार्य नहीं हैं. शिक्षक नहीं होने से एडमिशन भी नहीं हुआ है
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संस्कृत महाविद्यालय, काजीपुर के एक कमरे में यह स्कूल चल रहा है. यह स्थिति राज्य भर में चल रहे सभी 11 राजकीय संस्कृत विद्यालयों की है.
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राजकीय संस्कृत विद्यालय, सौराठ, मधुबनी के पास नौ एकड़ जमीन है
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राजकीय संस्कृत विद्यालय, मोतिहारी के पास 68 एकड़ जमीन है
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राजकीय संस्कृत विद्यालय, फारबिसगंज के पास 40 एकड़ जमीन है.
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राजकीय संस्कृत विद्यालय, मुंगेर के पास 16 एकड़ जमीन है.
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पटना, सारण, गया आदि जिलाें में स्थापित राजकीय संस्कृत विद्यालय वर्तमान में दूसरे स्कूल या कॉलेज में चल रहे हैं. राजकीय संस्कृत विद्यालय, गया वर्तमान में जिला स्कूल में चल रहा है.
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संस्कृत शिक्षा बोर्ड के नाम से नौ फर्जी वेबसाइट
संस्कृत शिक्षा बोर्ड के नाम से नौ फर्जी वेबसाइट चल रही हैं. इन सभी वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. बोर्ड के सचिव राजेश कुमार ने कहा कि नौ फर्जी वेबसाइटों की पहचान की गयी है. इन सभी वेबसाइटों को बंद करने के लिए शिकायत की गयी है. इन सभी वेबसाइटों पर संस्कृत शिक्षा बोर्ड की सभी जानकारियां थीं. इस संबंध में जल्द ही आर्थिक अपराध इकाई व साइबर सेल में काउंटर एफआइआर दर्ज करायी जायेगी.