Sarkari Naukri 2020: बिहार के विश्वविद्यालयों में 4500 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति को हरी झंड़ी, जानें मेधा सूचि कैसे होगी तैयार…

Sarkari Naukri 2020पटना: प्रदेश के विश्वविद्यालयों में 4500 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल-सह-कुलाधिपति फागू चौहान ने परिनियम-2020 को स्वीकृति दे दी है. सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी. इसके तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए मेधा सूची कुल 115 अंकों में से प्राप्त अंकों के आधार पर तय की जायेगी. साथ ही 2009 में पीएचडी या एमफिल करने वाले अभ्यर्थियों को भी इसके लिए योग्य माना गया है. शैक्षणिक योग्यता के लिए कुल 100 अंक और इंटव्यू के लिए कुल 15 अंक निर्धारित किये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 11, 2020 6:07 AM

पटना: प्रदेश के विश्वविद्यालयों में 4500 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल-सह-कुलाधिपति फागू चौहान ने परिनियम-2020 को स्वीकृति दे दी है. सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी. इसके तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए मेधा सूची कुल 115 अंकों में से प्राप्त अंकों के आधार पर तय की जायेगी. साथ ही 2009 में पीएचडी या एमफिल करने वाले अभ्यर्थियों को भी इसके लिए योग्य माना गया है. शैक्षणिक योग्यता के लिए कुल 100 अंक और इंटव्यू के लिए कुल 15 अंक निर्धारित किये गये हैं.

परिनियम में तय योग्यताओं में वे ही अभ्यर्थी मान्य किये जायेंगे जो…

परिनियम में तय योग्यताओं में वे ही अभ्यर्थी मान्य किये जायेंगे, जो यूजीसी अथवा सीएसआइआर की तरफ से आयोजित नेट या यूजीसी प्रत्यायित समतुल्य परीक्षा जैसे एसएलइटी व एसइटी पास हों. इसके अलावा वे अभ्यर्थी पात्र होंगे, जिन्होंने विश्वविद्यालय सेवा आयोग विनिमय 2009, 2016 व समय-समय पर संशोधनों के आधार पर पीएचडी की डिग्री हासिल की हो. ऐसे पीएचडी धारकों को नेट,एसएलइटी, एसइटी से छूट दी जायेगी. एसएलइटी,एसइटी की मान्यता के संदर्भ में यूजीसी रेगूलेशन 2018 के वर्णित नियम मान्य होंगे.

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दी गई छूट व शर्त

हालांकि, इस संबंध में शर्त यह तय की गयी है कि 11 जुलाई, 2009 से पहले एमफिल,पीएचडी कार्यक्रम में रजिस्टर्ड अभ्यर्थी उपाधि प्रदान करने वाले संस्थानों के अध्यादेश के दायरे में आते हों. ऐसे सभी पीएचडी धारक कुछ शर्तों के साथ विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए जरूरी नेट, एसएलइटी व एसइटी की अपेक्षा से छूट दी जायेगी. शर्त यह होगी की पीएचडी की उपाधि नियमित पद्धति और खुली मौखिक परीक्षा से हासिल की हो. इसमें ऐसे अभ्यर्थी भी पात्र होंगे, जिनके पीएचडी कार्य से दो रिसर्च पेपर प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित हुए हों.

परिनियम एक नजर में

– नियुक्ति अखिल भारतीय स्तर पर विज्ञापन के तहत की जायेगी.

– विज्ञापनल प्रकाशित होनेवाले वर्ष की पहली जनवरी को अधिकतम उम्र 55 वर्ष मान्य होगी.

– शैक्षणिक योग्यता के लिए 100 अंक और इंटरव्यू के लिए 15 अंक होंगे. -विश्वविद्यालय और राज्य की तरफ से तय आरक्षण मान्य होगा. हालांकि अगर आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की मेधा सूची के लिए अर्हित है तो उसकी नियुक्ति सामान्य कोटे में की जायेगी.

चयन के लिए अंकों का वितरण इस प्रकार होगा

-शैक्षणिक रिकार्ड— निर्धारित स्कोर

स्नातक : 80% या इससे अधिक -15

60% से या उससे अधिक और 80% से कम-13

55% या उससे अधिक और 60% से कम-10

45% या उससे अधिक और 55% से कम–05एमफिल —

60% या उससे ऊपर– 07

55% या उससे ऊपर और 60% से कम –05

पीएचडी–30

जेआरएफ के साथ नेट–07

नेट–05

स्लेट/सेट–03

शोध प्रकाशन-10

शिक्षण/ पोस्ट डॉक्टोरल-10

स्नातकोत्तर

80% या इससे ऊपर -25

60% या उससे अधिक और 80% से कम-23

55% या उससे अधिक (एससी/एसटी/बीसी वन,बीसी टू एवं दिव्यांग की स्थिति में 50%) और 60%से कम- 20

अन्य अंक

एमफिल

60% या उससे ऊपर– 07

55% या उससे ऊपर और 60% से कम –05

– पीएचडी–30

– जेआरएफ के साथ नेट–07

– नेट–05

– स्लेट/सेट–03

– शोध प्रकाशन-10

– शिक्षण/ पोस्ट डॉक्टोरल-10

विशेष तथ्य…

– शिक्षण अथवा पोस्ट डॉक्टोरल अनुभव की स्थिति एक साल से कम होने पर अंक समानुपातिक रूप में घटाये जायेंगे.

– एमफिल और पीएचडी मिलाकर अधिकतम अंक 30 दिये जायेंगे

– जेआरएफ,नेट,सेट के अधिकतम अंक सात निर्धारित हैं.

– पुरस्कार कोटि में अधिकतम अंक तीन तय हैं. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय के लिए तीन और राज्य स्तर के लिए दो.

– अकादमिक स्कोर -80

– शोध प्रकाशन-10

– शिक्षण अनुभव-10

– सेट, स्लेट के अंक संबंधित राज्यों के विश्वविद्यालयों/, कॉलेजों एवं महाविद्यालयों में नियुक्ति के लिए मान्य होंगे़

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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