बिहार में EWS आरक्षित सीटों का बैकलॉग नहीं होगा तैयार, BPSC मेरिट लिस्ट को लेकर भी सरकार ने स्पष्ट की स्थिति
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार ने स्थति स्पस्ट की है. ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों को बिहार में पद व सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में नामांकन में मिलने वाले आरक्षण का कोई बैकलॉग तैयार नहीं किया जायेगा.
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के (EWS Category) अभ्यर्थियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार ने स्थति स्पस्ट की है. ईडब्ल्यूएस(EWS Reservation) के अभ्यर्थियों को बिहार में पद व सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में नामांकन में मिलने वाले दस फीसद आरक्षण का कोई बैकलॉग तैयार नहीं किया जायेगा. आरक्षण के तहत तय सीट पर उम्मीदवार नहीं मिलने पर उस साल की रिक्ति खत्म हो जायेगी.
बिहार विधानसभा(Bihar Vidhan Sabha) के मानसून सत्र में शुक्रवार की कार्यवाही के दौरान सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (Bijendra Prasad Yadav) ने एक ध्यानाकर्षण के उत्तर में जानकारी दी. उन्होंने स्प्स्ट किया और कहा कि अगर किसी साल ईडब्ल्यूएस के आरक्षण के तहत अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं तो आरक्षण के तहत जो संख्या होगी वो उसी साल खत्म हो जायेगी. अगले वर्ष वह संख्या नहीं जुड़ेगी.
मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय की अधिसूचना के आधार पर 2019 में ही अधिसूचना जारी कर चुका है. वहीं उम्र सीमा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं बिहार से बाहर राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए ईडब्ल्यूएस रिजर्वेसन का लाभ बिहार के किसी पद के लिए नहीं मिलेगा. बाहरी राज्यों के अभ्यर्थी इस अधिनियम के अधीन आरक्षण में लाभ का दावा नहीं करेंगे.
वहीं बताया गया कि बिहार लोकसेवा आयोग की प्रतियोगिता परीक्षा के बाद तैयार मेधा सूची में वेटिंग लिस्ट तैयार नहीं किया जाता है. जनक सिंह एवं अन्य सदस्यों के ध्यानाकर्षण सूचना का सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सरकार का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि बीपीएससी परीक्षा में तैयार की जानेवाली मेधा सूची में शेष बची नियुक्ति की रिक्ति को अगले वर्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल की जाती है.
प्रभारी मंत्री ने बताया कि बीपीएससी की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में मानक प्रणाली अपनायी जाती है. मूल्यांकन के पूर्व प्रधान परीक्षक द्वारा इसकी तैयारी की जाती है. उन्होंने बताया कि 60 प्रतिशत से अधिक व 30 प्रतिशत से कम प्राप्तांकों वाली सभी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्रधान परीक्षक द्वारा करायी जाती है. प्रधान परीक्षक द्वारा जांच के क्रम में 15 प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करायी जाती है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan