Sarkari Naukri 2021: बिहार स्वास्थ्य विभाग 3260 आयुष चिकित्सक सहित अन्य रिक्त पदों पर करेगी बहाली, जानें किन जिलों में बनेंगे मॉडल अस्पताल

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि बीमार व्यक्ति को समय से अस्पताल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार एक हजार नये एंबुलेंस की व्यवस्था करने जा रही है. इससे शहरी इलाकों में 20 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 35 मिनट के अंदर एंबुलेंस की सेवा की उपलब्ध हो जायेगी. मरीज के परिजन एंबुलेंस के लोकेशन के बारे में रियल टाइम की जानकारी भी ले सकेंगे. श्री पांडेय शनिवार को विभाग का बजट पेश करते हुए सदन को अवगत करा रहे थे. स्वास्थ्य विभाग वित्तीय वर्ष 2021-2022 में स्वास्थ्य सेवाओं पर 13264.86 करोड़ रुपये खर्च करेगा. सदन ने इस बजट को मंजूरी दे दी है. इस दौरान संपूर्ण विपक्ष ने वाकआउट किया.

By Prabhat Khabar News Desk | March 14, 2021 8:16 AM

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि बीमार व्यक्ति को समय से अस्पताल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार एक हजार नये एंबुलेंस की व्यवस्था करने जा रही है. इससे शहरी इलाकों में 20 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 35 मिनट के अंदर एंबुलेंस की सेवा की उपलब्ध हो जायेगी. मरीज के परिजन एंबुलेंस के लोकेशन के बारे में रियल टाइम की जानकारी भी ले सकेंगे. श्री पांडेय शनिवार को विभाग का बजट पेश करते हुए सदन को अवगत करा रहे थे. स्वास्थ्य विभाग वित्तीय वर्ष 2021-2022 में स्वास्थ्य सेवाओं पर 13264.86 करोड़ रुपये खर्च करेगा. सदन ने इस बजट को मंजूरी दे दी है. इस दौरान संपूर्ण विपक्ष ने वाकआउट किया.

स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को गुणवत्तापूर्ण बनाया जायेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सेवाओं को बेहतर बनाने (युक्तिकरण) नये भवनों के निर्माण के साथ- साथ पुराने भवनों का जीर्णोद्धार किया जायेगा. ग्रामीण इलाकों में पैथोलाॅजिकल जांच के लिए पीपीपी मोड ( लोक निजी साझेदारी) के तहत सैंपल जमा कर उनकी जांच कराने की व्यवस्था की जायेगी.

विशेष अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग सभी रिक्त पदों पर बहाली करेगा. 3260 आयुष चिकित्सकों की बहाली को लेकर प्रस्ताव भेज दी गयी है. चिकित्सा शिक्षा के लिए बिहार यूनिवर्सिटीज ऑफ हेल्थ साइंसेज की स्थापना की जायेगी. पटना एम्स में मरीजों के तीमारदारों के रहने (आवासन) के लिए भवन निर्माण कराया जायेगा.

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राजधानी पटना स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल, लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल, राजवंशी नगर- गर्दनीबाग अस्पतालों को स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की गयी है. मंत्री ने घोषणा की हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निःशुल्क उपचार की योजना बनायी गयी है. ऐसे बच्चों का उपचार बाल हृदय योजना के तहत प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एवं रिसर्च फाउंडेशन, राजकोट में होगा. आइजीआइसी और आइएमएस में भी बेहतर सुविधा एवं प्रबंधन है.

भागलपुर, बेगूसराय, गया, गोपालगंज, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, नालंदा, पटना, रोहतास, समस्तीपुर, सीवान व सारण के जिला अस्पतालों को माॅडल अस्पताल बनाया जायेगा. निर्माण कार्य कराया जा रहा है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये काम की बिहार मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है. नीति आयोग में भी चर्चा है. बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के मजबूत बनाने को विशिष्ट एवं आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को डिजिटल टेक्नॉलॉजी की मदद से विकसित किया जा रहा है. पटना, मुजफ्फरपुर , दरभंगा और गया में निर्माणाधीन चिकित्सा महाविद्यालयों के विकास और अब तक हुए काम से भी सदन को अवगत कराया.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की मॉनीटरिंग का परिणाम है कि बिहार में कोविड के एक्टिव केस की संख्या 350 से भी कम है. अन्य कई राज्यों में यह संख्या एक-एक हजार है. कोविड में राज्य सरकार के कार्य और उसके परिणामों का ब्योरा पेश करते हुए मंत्री ने कहा कि बिहार के लिए यह गर्व की बात है कि कोविड की रिकवरी रेट 99.29 है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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