बिहार की प्रतियोगी परीक्षा में सरकारी सेवक और अन्य अभ्यर्थी कितनी बार बैठ सकेंगे? सरकार ने दी जानकारी
बिहार सरकार के अधीन नियुक्ति के लिए आयोगों के द्वारा ली जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को कितने मौके दिये जा रहे हैं इसे सरकार ने अब स्पष्ट किया है.
बिहार सरकार के अधीन ली जाने वाली प्रतियोगी परीक्षा के लिए अब यह जानकारी स्पष्ट हो गयी है कि एक अभ्यर्थी कितनी बार परीक्षा में शामिल हो सकता है. राज्य सरकार ने इसे स्पष्ट कर दिया है. वहीं राज्य के सरकारी सेवकों को कितनी बार परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी इसकी जानकारी भी दी गयी है. इस जानकारी के सामने आने के बाद अब अभ्यर्थियों के सामने कोई संशय नहीं है.
बिहार सरकार के अधीन नियुक्ति के लिए विभिन्न आयोगों के द्वारा प्रतियोगी परीक्षा ली जाती है. लेकिन अभ्यर्थियों को इस बात की जानकारी कई बार नहीं हो पाती है कि वो कितनी बार इस परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र हैं. राज्य सरकार ने अब इसे स्प्ष्ट करते हुए कहा है कि राज्य के आयोगों के द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में आम अभ्यर्थियों के लिए चांस की कोई लिमिट नहीं है. लेकिन राज्य के सरकारी सेवकों को इससे अलग रखा गया है.
बिहार सरकार के सरकारी सेवकों को तीन बार ही किसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गयी है. यह सीमा पहले से ही लागू है. जबकि इससे इतर आम प्रतिभागियों के लिए कोई लिमिट नहीं होगी. लेकिन अभ्यर्थी तय उम्र सीमा तक ही परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए योग्य होंगे. यानी आयोग ने अभ्यर्थी के लिए जो उम्र सीमा तय की है उस उम्र तक कितनी भी बार वो आवेदन कर सकेंगे.
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राज्य सरकार की सेवा में आने के बाद किसी भी आवेदक को अधिकतम तीन अवसर दिये जाएंगे. सामान्य प्रशासन विभाग ने आयोग द्वारा ली जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं के संबंध में सभी विभागों के प्रमुख, पुलिस महानिदेशक, प्रमंडलीय आयुक्त व डीएम के साथ ही बीपीएससी, तकनीकी सेवा व कर्मचारी चयन आयोग के सेक्रेटरी को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है. बता दें कि वर्ष 2003 में ही प्रतियोगी परीक्षा में बैठने के लिए अवसरों की सीमा को खत्म कर दिया गया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan