Sarkari Naukri: बिहार सरकार ने प्रधान शिक्षक पद के लिए नियमों में किया संशोधन, 1 लाख टीचरों को होगा फायदा

बिहार में 6 माह का डीपीइ कोर्स करने वाले भी अब प्रधान शिक्षक बन सकेंगे. सरकार ने छह माह के संवर्धन कोर्स के साथ डीपीइ को डीएलएड के समकक्ष मान्यता दे दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 2, 2022 12:32 PM

Bihar Teacher News: छह माह का संवर्धन कोर्स करने वाले डीपीइ योग्यताधारी शिक्षक भी अब प्रधान शिक्षक बन सकेंगे. सरकार ने छह माह के संवर्धन कोर्स के साथ डीपीइ को डीएलएड के समकक्ष मान्यता दे दी है. इस फैसले से राज्य में एक लाख के करीब शिक्षकों को लाभ होगा.

एक लाख के करीब शिक्षकों को लाभ होगा

शिक्षा विभाग ने वर्ष 2003 से 31 मार्च 2015 तक की अवधि में नियुक्त अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था की थी. इसमें दो वर्षीय डीपीइ , छह माह के संवर्धन कोर्स कराया गया था. इसे डीएलएस के सकक्षक माना गया है. इसी आधार पर प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान की स्वीकृति दी गयी है.

40506 रिक्त पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे

सरकार के इस निर्णय से बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) प्रारंभिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक के 40506 रिक्त पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे. इस बहाली के लिए 28 मार्च से 22 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं.

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प्रधान शिक्षक के रिक्त पद

सामान्य वर्ग के लिए 16204 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 4048, दलित के लिए 6477, अनुसूचित जाति 418, इबीसी 7290, बीसी 4861 एवं बीसी महिला के लिए 1210 पद आरक्षित हैं. दिव्यांग के लिए चार फीसदी पद आरक्षित किये गये है. इसमें दृष्टि बाधित के लिए 421, मूक बधिर के लिए 410, अस्थि दिव्यांग के लिए 397 एवं मनोविकार-बहुदिव्यांग के लिए 392 पद आरक्षित हैं.

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