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कोर्ट ने निगरानी को 13 मामलों में संपत्ति जब्त करने का दिया अधिकार

निगरानी विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है.

संवाददाता,पटना

निगरानी विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. राज्य में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो समेत दो अन्य इकाइयां काम कर रही है.भ्रष्टाचार से जुड़े13 मामलों में कोर्ट ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सरकार के पक्ष में संपत्ति जब्त करने का अधिकार दिया है. जनवरी से अक्टूबर 2024 तक बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 के तहत लोक सेवकों की राशि 23.57 करोड़ की संपत्ति अधिहरण के लिए 25 घोषणा पत्र निर्गत किए गए हैं.जिनमें से कुल राशि लगभग 18.24 करोड़ के घोषणा पत्र लोक सेवकों के विरुद्ध संपत्ति जब्त के मामले में आने वाली वैधानिक रूकावटों को दूर करने के लिए बिहार विशेष न्यायालय संशोधन नियमावली 2024 के लागू होने के बाद जारी किये गये हैं. श्री चौधरी शुक्रवार को सूचना भवन के संवाद कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.मौके पर विशेष निगरानी इकाई के एडीजी पंकज दारद समेत दूसरे कई पदाधिकारी भी मौजूद थे.

विभाग तैयार कर रहा पोर्टल, सभी परिवाद इसी में होंगे अपलोड

प्रधान सचिव ने कहा कि निगरानी विभाग एक एक पोर्टल का निर्माण एनआइसी के सहयोग से किया कर रहा है. इस पोर्टल पर सभी प्राप्त शिकायतों को अपलोड करने के कार्रवाई की जायेगी.भविष्य में इसी पोर्टल के माध्यम से विभागों और जिलों को शिकायतों से जुड़े मामलों की जांच के लिए भेजना और उनकी निगरानी का जिम्मा दिया जाएगा. इससे मिली शिकायतों की ट्रैकिंग और मॉनेटरिंग आसान होगी.उन्होंने कहा कि निगरानी विभाग का गठन 1981 में किया गया था, जिसका मूल कार्य प्रशासनिक व्यवस्था को भ्रष्टाचार एवं कदाचार से मुक्त करना था.राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सकारात्मक एवं निरोधात्मक निगरानी रखने के लिए ही निगरानी प्रणालियों को सक्षम, कारगर, संवेदनशील एवं गतिशील बनाना ही इस विभाग का मुख्य उद्देश्य है.

फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र के मामलों में 1563 प्राथमिकी दर्ज

निगरानी विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.इनमें 2768 अभियुक्तों के खिलाफ राज्य के विभिन्न जिलों में 1563 प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से 2015 के बीच नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच जांच के लिये कुल 352927 मामले आये थे, जिसमें से 80% जांच पूरी कर ली गयी है.वहीं,भ्रष्टाचारों से जुड़े मामलों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जांच के बाद 21 कांडों में मुकदमा चलाने के अनुमति प्राप्त कर आरोप पत्र निगरानी की विशेष न्यायालय को सौंपा गया है.पहली जनवरी 2020 से 31 अक्टूबर 2024 तक ट्रैप के कुल 148 मामले, पद दुरुपयोग के 25 मामले, आय से अधिक संपत्ति के 43 कांडों को दर्ज किया गया है.

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