पटना. फुलवारीशरीफ मामले में मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर का विदेशी संगठनों के साथ तार जुड़ने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां रविवार को पटना पहुंचीं. रॉ, एनआइए और आइबी की संयुक्त टीम ने बिहार एटीएस के प्रमुख के साथ करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की. इस दौरान टीम ने वाट्सएप चैट सहित अन्य एप पर हुई बातचीत के स्क्रीनशाॅट समेत अन्य साक्ष्यों देखा. इसके बाद टीम के अधिकारी विभिन्न पहलुओं पर जांच में जुट गये. तीनों राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ हुई बिहार पुलिस की बैठक को गुप्त रखा गया था.
इस मामले में ताहिर के पाकिस्तानी व आइएसआइ कनेक्शन को भी तलाशा जा रहा है. विशेषज्ञों की मदद से वाट्सएप ग्रुप पर जुड़े बांग्लादेशी नागरिकों की कुंडली खंगाली जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि ग्रुप का कोई सदस्य भारत आया है या नहीं? सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार एक आरोपित के नाम से तीन साल में खाड़ी देश से मोटी रकम भेजी गयी, जिसे पोस्ट ऑफिस से मनी एक्सचेंज से निकाला गया था. सुरक्षा एजेंसियां विभिन्न इस्लामिक देशों के दूतावास को भी आरोपितों से जुड़े दस्तावेज और तस्वीरें भेज रही है.
देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों की सूची में नामजद दरभंगा निवासी एडवोकेट नुरुद्दीन को पुलिस ने कागजी कार्रवाई करने के बाद रविवार को न्यायालय में पेश किया. यहां से उसे बेऊर जेल भेज दिया गया. नुरुद्दीन को एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था. रविवार को ही उसे पटना लाया गया. फुलवारीशरीफ थाना अध्यक्ष इकरार अहमद ने बताया कि पीएफआइ और एसडीपीआइ संगठन की आड़ में चलाये जा रहे देश विरोधी हरकतों में संलिप्तता सामने आने के बाद दरभंगा निवासी एडवोकेट नुरुद्दीन की गिरफ्तारी की गयी है. वहीं, पुलिस टीम अरमान मलिक और अतहर परवेज को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.
सूत्रों के अनुसार, अतहर और अरमान के कटिहार के कुछ व्यावसयियों से संबंध होने की बातें सामने अायी हैं. उक्त व्यवसायी फंडिंग में मदद करते थे. साथ ही एक नेता से भी इनके अच्छे संबंध होने की जानकारी पुलिस को मिली है. पुलिस की एक टीम इन दोनों से मिली जानकारियों का सत्यापन करने में लगी है. अगर दोनों द्वारा दी गयी जानकारी सही निकली, तो इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया जायेगा. अतहर और अरमान ने संगठन के स्लीपर सेल के संबंध में भी जानकारी दी है.