बिहार में सभी कक्षा के स्कूल खुल गए हैं, लेकिन छात्रों की अनुपस्थिति ने विभाग और जिला स्तर पर अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति व साफ-सफाई सहित अन्य गतिविधियों की निगरानी शिक्षा विभाग के अधिकारी बेस्ट मोबाइल एप के माध्यम से करेंगे. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने यूनिसेफ के सहयोग से बेस्ट (बिहार इजी स्कूल ट्रैकिंग) एप विकसित किया है, जिसके सहयोग से प्राथमिक व मध्य विद्यालयों की मॉनिटरिंग संकुल से लेकर जिला स्तर के अधिकारी करेंगे.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने इस संबंध में डीइओ, डीपीओ व बीइओ को पत्र भेजकर नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा है. प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च विद्यालयों में बच्चों के नामांकन, उपस्थिति, विद्यालय का समय पर खुलना, स्वच्छता व मूलभूत सुविधा व विद्यालय संचालन से संबंधित जानकारी निरीक्षण के दौरान अपलोड करनी है.
कहा गया है कि डीपीओ प्रत्येक माह कम से कम 10 विद्यालयों का निरीक्षण कर रिपोर्ट एप के माध्यम से देंगे. इसी तरह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व विद्यालय अवर निरीक्षक को 20 व बीआरपी को 25 विद्यालयों का निरीक्षण हर महीने करना है. सीआरसीसी संकुल के सभी विद्यालयों का निरीक्षण कम से कम एक बार महीने में करेंगे.
बताते चलें कि कोरोना वायरस की रफ्तार धीमी पड़ते ही बिहार में अगस्त महीने से स्कूल खोला गया. इसके बाद से ही शिक्षा विभाग की कोशिश है कि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति रहे. विभाग ने पिछले दिनों स्कूल संचालन के तरीके को लेकर सभी जिलों के डीएम और डीईओ के साथ बैठक की.
बैठक में शिक्षा विभाग के अपर सचिव ने सभी डीएम और डीईओ को कहा था कि अनुपस्थिति कैसे कम हो, इस पर काम किया जाए. इतना ही नहीं पिछले दिनों स्कूल से गायब रहने वाले 165 शिक्षकों का वेतन कटौती का भी विभाग ने आदेश दिया था.
Posted By : Avinish Kumar Mishra