बिहार में दहेज प्रथा व बाल विवाह रोकने के लिए स्कूली छात्र-छात्राएं प्रचार का माध्यम बनेंगे. इसके लिए गांवों में अभियान शुरू होगा. शिक्षा और समाज कल्याण विभाग की इस अनोखी योजना के वाहक बनेंगे कक्षा नौवीं से 12 वीं के छात्र व छात्राएं. सभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की टीमें बनेंगी, जो स्कूल में बच्चों को जागरूक करेंगी. साथ ही ये गांवों में महिलाओं व बुजुर्गों को जोड़ेंगे, ताकि इन कुप्रथाओं को जड़ से मिटाने के लिए गांवों में पहल हो सके.
स्कूली बच्चों की टीमें बनायी जायेंगी. इसमें हर क्लास में पांच बच्चों को रखा जायेगा. इसमें बच्चों को यह बताया जायेगा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा को रोकने के लिए क्या करेंगे.
छात्र-छात्राएं स्कूलों में विभिन्न तरह के कार्यक्रमाें व प्रतियोगिताओं के माध्यम से अभियान चलायेंगे. आठवीं के बाद अचानक स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों के संबंध में अलग से रिपोर्ट बनाने के बाद इसकी जानकारी विभाग तक पहुंचायेंगे. सरकारी अधिकारियों के नंबरों पर भी फोन कर सूचना भी देंगे.
इन लड़कियों के पास अधिकारियों का नंबर रहेगा. महिलाओं व बुजुर्गों को बाल विवाह व दहेज प्रथा की कुप्रथा से अवगत करायेंगे. इसका समाज पर क्या बुरा प्रभाव पड़ रहा है, इस संबंध में जानकारी देंगे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan