-डीइओ ने निजी स्कूलों के साथ हुई बैठक में दिया निर्देश
-पंजीयन रद्द के साथ संचालकाें पर होगी प्राथमिकी
संवाददाता, पटना
जिले के निजी स्कूलों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ) के अलाभकारी समूह और कमजोर वर्ग के 10-10 बच्चों का कक्षा एक में नामांकन लेना होगा. यह निर्णय शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) संजय कुमार ने निजी स्कूलों के संचालकों के साथ सिन्हा लाइब्रेरी में हाल में हुई बैठक में लिया. उन्होंने निजी स्कूलों से कहा कि आरटीइ के तहत स्कूल में निर्धारित सीट के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर अलाभकारी समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन लेना होगा. लेकिन विभागीय निर्देश के अनुसार अब इसमें कम से कम प्रत्येक स्कूल को अपने पोषक क्षेत्र के 10-10 बच्चों का नामांकन लेना अनिवार्य है. वे सुनिश्चित करेंगे कि अनिवार्य रूप से अपने पोषक क्षेत्र के बच्चों का आवेदन कराएं.आवेदन करने की अंतिम तारीख 25 जनवरी
ज्ञानदीप पोर्टल पर आरटीइ के तहत आवेदन करने की अंतिम तारीख 25 जनवरी निर्धारित है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिले में 1129 निजी स्कूल पंजीकृत हैं. इनमें मात्र 289 स्कूलों ने निर्धारित सीटों का ज्ञानदीप पोर्टल पर डिटेल भरा है. जबकि आरटीइ के तहत होने वाले नामांकन के लिए 301 आवेदन प्राप्त हुए हैं. अगर जिले में स्थित 1129 पंजीकृत निजी स्कूल 10-10 बच्चों का नामांकन लेते हैं, तो 11,290 अलाभकारी समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों का कल्याण हो जायेगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी निजी स्कूलों के संचालक से कहा कि यदि वे 10-10 बच्चों का नामांकन नहीं लेते हैं, तो पंजीयन रद्द किया जा सकता है और स्कूल पर आर्थिक दंड लगाने के साथ-साथ नियमानुसार प्राथमिकी भी की जायेगी. ज्ञानदीप पोर्टल पर उनके यहां अध्ययनरत सामान्य बच्चों का आंकड़ा भी प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है