28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में विज्ञान की पढ़ाई के प्रति कम हुआ रुझान, कॉलेजों में घट रहे साइंस के विद्यार्थी

Science Studies in Bihar : 2024 में बिहार बोर्ड की 12 की परीक्षा में विज्ञान संकाय में 5.42 लाख और कला संकाय में 5.46 लाख विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे थे. इसके बाद भी उच्च शिक्षा में दोनों विषयों के विद्यार्थियों की संख्या में जमीन-आसमान का अंतर आना बेहद चौंकाने वाला है.

Science Studies in Bihar : राजदेव पांडेय, पटना: राज्य के अंदर उच्च शिक्षा में कला विषयों के प्रति बिहार के युवाओं का आकर्षण अधिक है. राज्य के सभी तरह के कॉलेजों में हुए स्नातक स्तरीय कुल नामांकन में से करीब 60 फीसदी से अधिक नामांकन केवल कला संकाय के हैं. जबकि राज्य की स्कूली शिक्षा में कला और विज्ञान के विद्यार्थियों की संख्या लगभग बराबर होती है. 2024 में बिहार बोर्ड की 12 की परीक्षा में विज्ञान संकाय में 5.42 लाख और कला संकाय में 5.46 लाख विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे थे. इसके बाद भी उच्च शिक्षा में दोनों विषयों के विद्यार्थियों की संख्या में जमीन-आसमान का अंतर आना बेहद चौंकाने वाला है.

बिहार में 61 % विद्यार्थी कला संकाय के

विश्वविद्यालयों से मिले आंकड़े और पिछली एआइएसएचइ रिपोर्ट के अनुसार राज्य की उच्च शिक्षण संस्थाओं में स्नातक कक्षाओं में कुल नामांकित 25 लाख से अधिक विद्यार्थियों में से 61 % विद्यार्थी कला संकाय के हैं. विज्ञान और वाणिज्य के विद्यार्थियों की संख्या कुल नामांकन में से क्रमश: 19 और 6 % रही है. बीएड विद्यार्थियों के नामांकन 5 %, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर एप्लीकेशन और लाइब्रेरी साइंस में कुल 3 %, मेडिकल साइंस एवं एलाइड विषयों में करीब 2 % नामांकन हैं.

वाणिज्य संकाय की स्थिति भी बेहतर नहीं

कला की तुलना में विज्ञान और वाणिज्य के पिछड़ने को इस तरह भी समझा जा सकता है. पिछले एक माह में 25 परंपरागत कॉलेजों ने शिक्षा विभाग से स्थायी और अस्थायी संबद्धता ली हैं. इसमें से 23 कॉलेजों में आर्ट की पढ़ाई होगी. हालांकि इनमें से पांच कॉलेजों में विज्ञान और 11 कॉलेजों में वाणिज्य की एक भी सीट के लिए संबंधन नहीं लिया गया है. साफ है कि विषयों की मांग के अनुसार कॉलेज संबद्धता ले रहे हैं.

Also Read: Zoo in Bihar: बिहार में बनेगा देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर, 1500 करोड़ की लागत से 289 एकड़ में होगा निर्माण

अधिकतर कॉलेजों में लैब इन्फ्रास्ट्रक्चर का अभाव

भारतीय रसायनज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो रणजीत कुमार वर्मा ने कहा कि अधिकतर कॉलेजों में लैब आदि के इन्फ्रास्ट्रक्चर का लगभग अभाव है. लिहाजा विज्ञान की सीटें आर्ट की तुलना में कम तय की जाती हैं. जॉब दिलाने वाले विज्ञान विषयों की पढ़ाई भी नहीं हो रही है. लिहाजा विज्ञान में उच्च शिक्षा में बच्चों की रुचि कम हुई है. विज्ञान की उपेक्षा से बिहार खासतौर पर ग्रामीण और कस्बाई युवा आधुनिक परिदृश्य में पिछड़ सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें