Bihar News: शहरी निकायों में बिल्डिंग प्लान के लिए एक से 10 हजार तक स्क्रूटनी शुल्क, जानें नये नियम
प्लान नामंजूर किये जाने पर उसका कारण भी बताना होगा. अस्वीकृति के खिलाफ न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दाखिल की जा सकती है. आवेदक को प्लान की स्वीकृति सूचना के बाद, लेकिन औपचारिक मंजूरी पत्र निर्गत होने से पहले भवन परमिट फीस जमा करनी होगी.
पटना. नगर निकायों में मकान बनाने के पहले अब लोगों को अलग से स्क्रूटनी शुल्क देना होगा. नक्शा बनाने के लिए नगर निकायों में आवेदन देने के समय ही एक हजार से लेकर अधिकतम 10 हजार तक शुल्क देना होगा. यह शुल्क भवनों के एरिया और ऊंचाई के हिसाब से तीन जोन में बाट कर निर्धारित किया गया है. कम जोखिम (लो रिस्क), मध्यम जोखिम (मॉडरेट रिस्क) व उच्च जोखिम (हाइ रिस्क) के लिए न्यूनतम एक हजार रुपये से अधिकतम 10 हजार रुपये तक निर्धारित किया गया है. इस वर्गीकरण से निकायों को बिल्डिंग प्लान की फास्ट ट्रैकिंग के माध्यम से मंजूरी देने में आसानी होगी. साथ ही मध्यम तथा उच्च जोखिम वाले बिल्डिंगों की संरचनात्मक तथा सार्वजनिक सुरक्षा पैरामीटर के आधार समीक्षा के लिए अधिक समय मिल सकेगा.
मध्यम जोखिम के भवनों को पांच हजार रुपये लगेगा स्क्रूटनी शुल्क
इसके साथ ही मध्यम जोखिम और उच्च जोखिम वाले भवनों के मामले में क्रमश: पांच हजार रुपये और दस हजार रुपये का स्क्रूटनी शुल्क निर्धारित किया गया है. यह शुल्क आवेदन के साथ जमा किया जायेगा. प्लान दस्तावेज में कमी होने पर सभी स्पष्टीकरण एक साथ 15 दिनों के अंदर आवेदक से मांगा जायेगा. साथ ही इस अवधि में स्थल निरीक्षण भी पूरा कराया जायेगा. आपत्ति उठाये जाने पर आवेदक पुन: उसका निराकरण कर सात दिन के भीतर वांछित दस्तावेज के साथ समर्पित करेगा. प्राधिकार पुन: इसकी समीक्षा कर सात दिन के भीतर अंतिम निर्णय आवेदक को सूचित करेगा. प्लान नामंजूर किये जाने पर उसका कारण भी बताना होगा. अस्वीकृति के खिलाफ न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दाखिल की जा सकती है. आवेदक को प्लान की स्वीकृति सूचना के बाद, लेकिन औपचारिक मंजूरी पत्र निर्गत होने से पहले भवन परमिट फीस जमा करनी होगी.
कम जोखिम वाले आवेदन जमा कर शुरू करा सकेंगे भवन निर्माण
कम जोखिम मापदंड को पूरा करने वाले बिल्डिंग प्लान के मामले में ट्रस्ट एंड वेरिफाइ की प्रक्रिया लागू होगी. इसके दायरे में आने वाले भवन निर्माता बायलॉज में परिभाषित सभी अपेक्षित प्लान, दस्तावेज, फीस एवं शुल्क आदि जमा कर संबंधित प्राधिकार से अनुमोदन के लिए प्रतीक्षा किये बिना जमा किये हुए प्लान के अनुसार निर्माण कार्य प्रारंभ करा सकेगा. उसे स्क्रूटनी फीस के रूप में 1000 रुपये (बिल्डिंग परमिट के लिए) तथा 10 हजार रुपये (विकास परमिट के लिए) ऑनलाइन या ऑफलाइन पोर्टल के रूप में जमा करना होगा. इसके बाद प्राधिकार को योजना (नक्शा) जमा करने की तिथि से 15 दिन के भीतर निरीक्षण सुनिश्चित कराना होगा. निरीक्षण में गड़बड़ी पाये जाने पर उनकी अनुमति को निलंबित या निरस्त किया जा सकेगा.