हिमांशु देव, पटना. पटना एयरपोर्ट स्थित सचिवालय स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में शुक्रवार से आयोजित ‘ खेलो इंडिया वूमेन सीरीज-2023’ (राउंड 2) का समापन शनिवार को हुआ. प्रतियोगिता के दूसरे दिन बिहार सहित उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड व मध्य प्रदेश की कुल 72 महिला तैराक ने भाग लिया. शनिवार को दस राउंड में पांच तरह की प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें अंडर-15 और अंड़र-18 के खिलाड़ियों ने भाग लिया.
इसमें बिहार की कात्यायनी सिंह को अंडर-15 कैटेगरी 400 मीटर फ्रीस्टाइल में गोल्ड मिला. प्रदेश के लिए यह गौरव का पल रहा. कात्ययनी उड़ीसा की अंशिका को पछाड़ते हुए 5.16 मिनट में सबसे पहले गंतव्य तक पहुंची. वहीं, 100 मी फ्रीस्टाइल में वह एक सेकेंड देर से पहुंचने से दूसरे स्थान पर रही. उन्हें कुल मिलाकर 21 हजार रुपये कैश मिला.
सुविधा नहीं फिर भी बेहतर कर रहे प्रतिभागी
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि चीफ पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार ने कहा कि यहां संयुक्त रूप से सुपर-30 की तरह 30 तैराकियों को स्पांसर कर प्रशिक्षण दे सकते हैं. यहां के खिलाड़ी सुविधा न मिलने के बावजूद भी खुद को साबित कर रहे हैं. आज नहीं तो कल होगा लेकिन एक दिन यह काम जरूर सफल होगा.
मौके पर एन कॉलेज के बीएड विभाग की विभागाध्यक्ष रीता कुमारी भी मौजू रही. वहीं. स्मारिका को भी लोगों के बीच वितरित किया गया. जबकि, विजेताओं को चेक व प्रशस्ति पत्र दिया गया. इसमें पहले स्थान वाले को 6 हजार, दूसरे को 5 हजार, तीसरे को 4 हजार, चौथे को 3 हजार व पांचवे स्थान प्राप्त करने वाले को दो हजार रूपये मिले.
पहले दिन भी कात्यायनी ने प्रदेश का बढ़ाया है मान
शुक्रवार को आयोजित खेलो इंडिया महिला सीरीज के पहले दिन प्रतियोगिता में अंडर-15 व अंडर-18 कैटेगरी में 10 खेल का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश के लिए अंडर-15 200 मी इंडिविजुअल मेडलें में कात्यायनी ने 2.59 मिनट में गंतव्य तक पहुंचकर रजत पद हासिल की.
वहीं, 200 मी फ्रीस्टाइल में जह्नावी व प्रसन्ना; 100 मी बैक स्ट्रोक में प्रिशा, स्वर्णिम व प्रशंसा; 100 मी बटरफ्लाई में अंबालिका; 200 मी ब्रेस्ट स्ट्रोक में अणिका व विभा; 200 मी इंडिविजुअल मेडलेे में कात्यायनी के अलावे जह्नावी व अंबालिका को अन्य स्थान मिला. जबकि, अंड़र-18 में संस्कृति, निधि, अदिति, अणिका व विभा का अच्छा प्रदर्शन रहा.
अंडर-15
प्रतियोगिता – प्रथम – द्वितीय – तृतीय
400 मी फ्रीस्टाइल : कात्यायनी सिंह (बि) – अंशिका आराधना साहू (उ) – चिन्मयी बेहरा (उ)
100 मी ब्रेस्ट स्ट्रोक : आंचल बाग (उ) – शगुन सिंह (छ) – नैना कुमारी (झा)
200 मी बटरफ्लाई : अर्पिता समल (उ) – सृष्टि कलश (उ) – प्रतिख्या नंदी (उ)
200 मी बैकस्ट्रोक : रिधिमा पल्लवी तिवारी (झा) – प्रियदर्शनी राउत (उ) – अर्पिता सेठ (उ)
100 मी फ्रीस्टाइल : अंशिका आराधना साहू (उ) – कात्यायनी सिंह (बि) – रिधिमा पल्लवी तिवारी (झा)
अंडर-18
प्रतियोगिता – प्रथम – द्वितीय – तृतीय
400 मी फ्रीस्टाइल : आयुश्री दत्ता (उ) – वाड्रा सत्पथी (उ) – अनुप्रिया पांडा (उ)
100 मी ब्रेस्ट स्ट्रोक : दिव्यांका दिव्य ज्योति प्रधान (उ) – प्रिया उरांव (झा) – महिका (उ)
200 मी बटरफ्लाई : दिव्यांका दिव्य ज्योति प्रधान (उ) – आयुश्री दत्ता (उ)
200 मी बैकस्ट्रोक : अजिंक्या सिंह (छ) – आकांक्षा नायक (उ) – वाड्रा सत्पथी (उ)
100 मी फ्रीस्टाइल : इशिता परिहार (म) – आरती कुमारी (झा) – प्रथमी सिंह सरदार (झा)
स्विमिंग एसोसिएशन ने कहा, कमी है तो बस सुविधाओं की…
बिहार में स्विमिंग पूल की शख्त जरूरत है. शनिवार को आयोजित प्रतियोगिता में सात गोल्ड उड़ीसा ने लिया. लेकिन, बिहार के खाते में सिर्फ एक ही आया. जबकि, बिहार में तैराकों की कमी नहीं है. कमी है तो बस सुविधा का. साल 1977 में संगठन का स्थापना हुआ. तब से ही हम लोग संघर्ष कर रहे हैं. कहीं बना भी है तो पैसे चार्ज किए जाते हैं. यहां के तैराकों को सुबह व शाम में दो-दो घंटे मुफ्त में प्रैक्टिस करने दे दिया जाए तो देश का नेतृत्व कर सकते हैं.
– राम बिलाश पांडेय, सचिव, बिहार स्विमिंग एसोसिएशन
खिलाड़ियों ने कहा, बनना है अंतरराष्ट्रीय चैंपियन
- अभी मैं 13 वर्ष की हूं. अंडर-15 के लिए खेल रही हूं. पहले दिन मुझे दो सिल्वर मेडल मिले व दूसरे दिन मुझे एक गोल्ड व एक सिल्वर मेडल मिला. झारखंड के टाटा नगर में रहकर कक्षा सातवीं में पढ़ाई कर रही हूं. स्विमिंग का इंटरेस्ट को बचपन से ही रहा है. आने वाले दिनों में पूरी ईमानदारी के साथ देश का नेतृत्व करते हुए अंतरराष्ट्रीय चैंपियन बनना चाहती हूं. – कात्यायनी सिंह, तैराक, बिहार
- पिछले 9 वर्षों से मैं स्विमिंग कर रही हूं. अभी मैं अंडर-18 कैटेगरी में खेल रही हूं. साल 2023 में स्टेट चैंपियन का भी खिताब तैराकी में जीती. पटना में ही रहकर इसके अलावे पढ़ाई को भी जारी रखी हूं. – संस्कृति सोनी, तैराक,बिहार
- मेरी मां जयंती ओझा स्वीमर बनना चाहती थी. लेकिन, नानाजी के द्वारा अनुमति नहीं मिला. इसलिए मैं मां का सपना पूरा कर रही हूं. आरा की रहने वाली हूं. परंतु, पटना में ही रहकर इसका प्रशिक्षण ले रही हूं. अब तक बिहार के अलावे बिहार के अलावे अन्य राज्यों में भी प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हूं. – जह्नावी ओझा,तैराक, बिहार