राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान
राज्य की अर्थव्यवस्था में तृतीयक क्षेत्र यानी सेवा क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान है. यह क्षेत्र अर्थव्यवव्था में 57.06 फीसदी योगदान दे रहा है
संवाददाता, पटना राज्य की अर्थव्यवस्था में तृतीयक क्षेत्र यानी सेवा क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान है. यह क्षेत्र अर्थव्यवव्था में 57.06 फीसदी योगदान दे रहा है, लेकिन वर्ष 2023-24 में पिछले साल यानी वर्ष 2022-23 में की तुलना में वृद्धि दर नकारात्मक रही है. वर्ष 2022-23 में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 18.37 फीसदी थी, जो वर्ष 2023-24 कम होकर 16.89% रह गयी है. हालांकि, यह आकलन सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के त्वरित अनुमान के आधार पर किया गया है.इसके बाद अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र, जिसमें कृषि और कृषि से गतिविधियां शामिल हैं, ने 24.23 फीसदी का और द्वितीयक क्षेत्र, जिसमें विनिर्माण और निर्माण शामिल हैं, ने 18.16 फीसदी का योगदान दिया है. जहां तक बात द्वितीय सेक्टर की है तो इस क्षेत्र की वृद्धि दर में गिरावट है. वर्ष 2023-24 में द्वितीयक क्षेत्र में 11.95 % की वृद्धि दर 2022-23 में 18.06 % की तुलना में बहुत कम है. हालांकि,तीन क्षेत्रों में केवल प्राथमिक क्षेत्र ने वर्ष 2023-24 में 10.66 % की वृद्धि के साथ 2023-24 में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक विकास दर दर्ज की उम्मीद है. द्वितीय और तृतीय क्षेत्र में नकारात्मक वृद्धि का कारण: अर्थशास्त्री सुधांशु कुमार ने बताया कि वर्ष 2023-24 में बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं के लिए अनुमानित कम वृद्धि दर 18.77 % हो सकती है, जबकि वर्ष 2022-23 में इसमें असाधारण रूप से 59.22 % की वृद्धि दर्ज की गयी थी. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि द्वितीय विनिर्माण से संबंधित निर्माण की वृद्धि दर वर्ष 2022-23 में 23.80 % की उच्च वृद्धि दर रही थी. वहीं, विनिर्माण क्षेत्र ने 2023-24 में 3.96 % की वृद्धि दर रहने की संभावना है, जो वर्ष 2022-23 में 3.15 फीसदी से अधिक है. प्राथमिक क्षेत्र में वृद्धि का मुख्य कारण राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सहायता का कृषकों का भरपूर उपयोग करना है.
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