बिहार में सभी तरह के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक ही प्रकार की नियमावली बनायी गयी है. शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी नियमावली के विभागीय प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. प्रस्तावित नियमावली की खास बात यह होगी कि रिक्त पदों में 50 फीसदी पद पदोन्नति से भरे जायेंगे. साथ ही प्रस्तावित नियमावली में अर्जित अवकाश दो गुना कर दिये गये हैं.
शिक्षा मंत्री की अनुमति के बाद औपचारिक मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव सामान्य प्रशासन, वित्त और विधि विभाग को भेज दिया गया है. उम्मीद जतायी जा रही है कि होली से पहले केबिनेट हर हाल में शिक्षक नियमावली हरी झंडी दे देगी. जानकारी के मुताबिक नियमावली में नियुक्तियों और प्रमोशन के अलावा सेवा शर्तों पर विशेष रूप से फोकस किया गया है.
प्रमोशन के संदर्भ में शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि 50 प्रतिशत पद प्रमोशन से भरे जायें. उदाहरण के लिए माध्यमिक शिक्षकों को उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के रूप में पदोन्नति दी जायेगी. इसी तरह प्रारंभिक स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक वरिष्ठ शिक्षकों को मध्य विद्यालयों के शिक्षक के रूप में पदोन्नति दी जायेगी. इन सभी रिक्त पदों पर सातवें चरण में नियुक्त निकाली जायेगी.
इसी तरह शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में वित्तीय उन्नयन का प्रावधान किया है. वित्तीय उन्नयन की समयावधि 10 और 20 वर्ष रखी गयी है. प्रस्तावित नियमावली में शिक्षकों के अर्जित अवकाशों की संख्या 120 से बढ़ाकर 240 कर दी गयी है. रिटायरमेंट के बाद इसका भुगतान भी किया जायेगा.
शिक्षक नियुक्ति के लिए मेधा अंक की गणना शिक्षा विभाग और नियुक्ति करने वाली एजेंसी मिल कर तय करेंगे. इसे बाद के लिए छोड़ दिया गया है. दरअसल सातवें चरण शिक्षकों के चयन की अनुशंसा करने के लिए अभी स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है. इसके लिए विभाग आयोग गठित कर सकता है. साथ ही वह यह नियुक्तियां बिहार लोक सेवा आयोग, राज्य कर्मचारी चयन आयोग और अन्य एजेंसियों से करायी जा सकती हैं.
Also Read: पटना में हाउसिंग बोर्ड की जमीन खरीदने का सुनहरा मौका, 20 मार्च को होगी ई-नीलामी, इस दिन से कर सकते हैं आवेदन
नियुक्ति प्रक्रिया से पंचायती राज संस्था को पूरी तरह अलग कर दिया गया है. केंद्रीयकृत सिस्टम के तहत ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था की जा रही है. आवेदकों को केवल एक आवेदन देना होगा. उनकी उम्मीदवारी उनके दिए गये विकल्पों के अनुसार सभी जगह होगी. प्रस्तावित नियमावली में एक ही जिला स्तरीय संवर्ग होगा. नयी नियमावली में सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का स्पष्ट प्रावधान किया जा रहा है.अब जिला स्तरीय नियोजन इकाई का अध्यक्ष राजपत्रित पदाधिकारी को समिति का अध्यक्ष बनाने पर विचार चल रहा है.