‘ मेरा कोई गॉड फादर नहीं’ का दर्द बयां करने वाले मुंगेर के तत्कालीन DIG शफीउल हक सस्पेंड, जानें आरोप

मुंगेर में डीआईजी रहे आईपीएस अधिकारी मोहम्मद शफीउल हक को निलंबित कर दिया गया है. जूनियर पुलिसकर्मियों से वसूली के आरोपों से घिरे अधिकारी के निलंबन की अधिसूचना जारी कर दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2021 1:05 PM
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बिहार सरकार भ्रष्ट अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. इस बीच एक और पुलिस अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. मुंगेर में डीआईजी रहे आईपीएस अधिकारी मोहम्मद शफीउल हक को निलंबित कर दिया है. पद पर रहते हुए मुंगेर में डीआईजी के पद पर तैनाती के दौरान वे अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों से पैसे की उगाही करते थे.

बुधवार की रात को गृह विभाग ने आईपीएस अधिकारी मोहम्मद शफीउल हक के निलंबन की अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि शफीउल हक मुंगेर रेंज के डीआईजी भी थे. जून 2021 में मुंगेर से उन्हें बुला लिया गया था और वो पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में थे. अब शफीउल हक को सस्पेंड कर दिया गया है.

आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने अधिकारी के खिलाफ अपनी जांच रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें उनके खिलाफ गृह विभाग को साक्ष्य भी दिये गये थे.इसी रिपोर्ट के आधार पर आईपीएस अधिकारी शफीउल हक, उनके सहायक दारोगा मोहम्मद उमरान और एक निजी व्यक्ति गृह विभाग के रडार पर थे. आरोप था कि इन दोनों के माध्यम से ही शफीउल हक मुंगेर प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले कई पुलिस अधिकारियों और कर्मियों से अवैध राशि की उगाही किया करते थे.

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मोहम्मद इमरान के गलत काम संज्ञान में होने के बावजूद बतौर डीआईजी कोई कार्रवाई नहीं करने के मामले को गंभीरता से देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई ने यह माना है कि इस काम में डीआईजी की भी सहभागिता थी. जिसके बाद विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी. बता दें कि तबादले के बाद एक सम्मान समारोह में अधिकारी शफीउल हक ने अपना दर्द बयां किया था. उन्होंने कहा था कि उनका कोई गॉड फादर नहीं है इसलिए 27 साल की नौकरी में 21 बार उनका तबादला हो चुका है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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