Shani Gochar: शनि का 30 साल बाद कुंभ राशि में गोचर, जानिए आपकी जन्मकुंडली में तो नहीं पड़ रहा शनि का प्रभाव

Shani Gochar 2023: शनि देव न्याय के देवता है. शनि को सूर्य पुत्र भी कहा जाता है. यह अपने पिता से शत्रुता रखते है. शनि प्रथम श्रेणी का पाप ग्रह है. यह योगी संत सन्यासी के पालनहार भी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2023 8:36 AM

Shani Gochar: शनि देव 30 साल के बाद अपनी राशि कुम्भ में गोचर कर चुके है. शनि की इस गोचर से सभी राशियां प्राभवित होगी. शनि देव न्याय के देवता है. शनि को सूर्य पुत्र भी कहा जाता है. यह अपने पिता से शत्रुता रखते है. शनि प्रथम श्रेणी का पाप ग्रह है. यह योगी संत सन्यासी के पालनहार भी है. शनिदेव व्यक्ति के पैतीस वर्ष के उम्र में अपनी दशा आने पर सौभाग्यशाली बनाने और सुख समृद्धि दिलाने में सहयोगी की भूमिका निभाते है. शनिदेव दुश्मनी भी करवाते है और अच्छे राजनीतिक में लेकर भी जाते है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि जिसकी कुंडली में शुभ भाव तथा अपनी राशि में बैठे हो उन जातक के जीवन यापन के सभी सुख सुविधा उपलब्ध होता है. शनिदेव जातक को उच्च स्थान दिलाते है, इसके साथ ही सभी जगह सफलता भी मिलता है.

Shani Gochar: शुभ और अभीष्ट शनि

शनि छठे भाव में हो और लगन मेष, वृष, मिथुन, तुला, मकर और कुम्भ राशि का हो अर्थात शनि इस भाव में होकर छठे भाव में विराजमान हो. शनि दसवां /गयारह, नवां / दसवां, आठवां /नवां, पहला /दूसरा, प्रथम /बारह भाव के होकर छठे भाव में विराजमान हो तो शुभ या अभिष्ठ्कारी होता है. इसका प्रभाव से जातक बुद्धिमान,परिश्रमी, कर्मठ, न्यायप्रिय परोपकारी, शत्रुजीत जीवनयापन के सभी सुख साधनों मकान वाहन तथा धन से परिपूर्ण होते है. विदेश यात्रा से भाग्यशाली होते है.

Shani Gochar: मित्र ग्रहों की युति-दृष्टि का प्रभाव

जब मित्र ग्रहों की युति-दृष्टि का प्रभाव रहेगा तो जातक उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे. सबसे मिलनसार होंगे. उसके बाद जातक प्रोढ़ अवस्था में गुप्त तरीके से धन कमाता है. विदेश में रहने का सुख मिलता है. खर्च बढ़ जाता है.

अशुभ शनि /अनिष्ट शनि

जब शनि छठे भाव में हो और लगन कर्क, सिह, कन्या, वृश्चिक और धनु राशि का हो अर्थात शनि सातवें /आठवें, छठे/सातवें, पाचवे/छठे, तिसरा /चौथा, दूसरा / तिसरा होकर छठे भाव में बैठा अशुभ तथा अनिष्ट शनि का फल मिलता है.

Shani Gochar: अशुभ शनि /अनिष्ट शनि

जातक को क्रोधी परेशान उच्च शिक्षा में बाधा भाई बंधु के साथ शत्रुता से पीड़ा मिलेगी. जीवन यापन के सुख सुविधा तथा साधनों का अभाव बना रहेगा.

शत्रु ग्रहों की युति /दिर्ष्टि का प्रभाव

शनि अस्त, वक्री हो या सूर्य, चन्द्र, मंगल ग्रहों की युति /दृर्ष्टि में हो जातक को पारिवारिक सुख इ कमी हो जाती है. माता पक्ष को अरिष्ट होता है. इनके यात्रा पर खर्च जयादा बनता है. जिसे कष्ट होता है. धन का अभाव तथा मानसिक तनाव बना रहता है.

शनि क दोष के उपाय

अनिष्टकारी शांति के लिए 23000 शनि के तांत्रिक मंत्र का जाप करें दशरथ कृत शनि स्त्रोत, शनि चालीसा, सुन्दरकाण्ड का पाठ, हनुमान चालीसा का पाठ करें लाभ होगा.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

मो. 8080426594/954529084

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